श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने अपनी मजबूत बढ़त हासिल कर ली है. अनुरा कुमारा दिसानायके की जीत तय है. दिसानायके ने नेशनल पीपुल्स पावर गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा. इस गठबंधन में जनता विमुक्ति पेरेमुना (JPV) पार्टी भी शामिल है. श्रीलंकाई लोगों ने 2022 में आर्थिक मंदी के बाद पहले चुनाव में वामपंथी राष्ट्रपति को चुना है.बताया जा रहा है कि वापंथी नेता दिसानायके चीन के समर्थक हैं. कई मामलों में उन्होंने चीन का समर्थन किया है. कहा जा रहा कि श्रीलंका में भारत के एक बड़े उद्योगपति के प्रोजेक्ट को रद्द करने की बात कर चुके हैं. कुमारा दिसानायके का राष्ट्रपति बनना लगभग तय है. चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के हिसाब से दिसानायके को 52 फीसदी वोट मिले हैं. वह जबरदस्त बहुमत के साथ जीत की ओर बढ़ रहे हैं. वहीं, वर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे तीसरे स्थान पर हैं.
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
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राष्ट्रपति चुनाव में इस बार लगभग 75 प्रतिशत मतदान हुआ जो पिछले बार के चुनाव के मुकाबले कम है. नवंबर 2019 में हुए पिछले राष्ट्रपति चुनाव में हुए 83 प्रतिशत मतदान हुआ था. जानकारी के अनुसार रविवार को सुबह 7 बजे तक घोषित कुल मतों की गिनती में 56 वर्षीय दिसानायके ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी साजिथ प्रेमदासा (57) के खिलाफ भारी वोट हासिल किए. प्रेमदासा मुख्य विपक्षी नेता हैं. मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे तीसरे स्थान पर हैं.
श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा, 'लंबे और कठिन अभियान के बाद चुनाव के नतीजे अब स्पष्ट हैं. हालाँकि मैंने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के लिए बहुत प्रचार किया, लेकिन श्रीलंका के लोगों ने अपना फैसला कर लिया है. मैं अनुरा कुमारा दिसानायके के लिए उनके जनादेश का पूरा सम्मान करता हूँ. लोकतंत्र में, लोगों की इच्छा का सम्मान करना महत्वपूर्ण है, और मैं बिना किसी हिचकिचाहट के ऐसा करता हूँ. मैं श्री दिसानायके और उनकी टीम को अपनी हार्दिक बधाई देता हूँ