मौसम परिवर्तन के साथ ही डेंगू का प्रकोप निरंतर बढ़ता जा रहा है। कोटा ही नहीं, बाहर के भी पेशेंट उपचार के लिए कोटा आ रहे हैं और उन्हें भी एसडीपी की आवश्यकता महसूस की जा रही है। प्लेटलेट कम होने पर चिकित्सक एसडीपी चढ़ाए जाने को कहते हैं। टीम जीवन दाता के संरक्षक व संयोजक भुवनेश गुप्ता ने बताया कि निजी अस्पताल में भर्ती मरीज प्रहलाद मीणा की प्लेटलेट निरंतर कम हो रही थी, चिकित्सकों ने बी पॉजिटिव एसडीपी के लिए कहा तो परिजन दिनेश परेशान हो रहे थे, ऐसे में टीम जीवन दाता से संपर्क किया तो बी पॉजिटिव एसडीपी भी मिल पाना मुश्किल हो रहा था, क्योंकि जिस तरह से कैस आ रहे हैं, नॉर्मल ग्रुप की एसडीपी भी बड़ी ही मुश्किल से मिल पा रही है। टीम के वर्धमान जैन इसमें काफ़ी सक्रिय भूमिका निभा रहे है
ऐसे में हमेशा की तरह वर्धमान ने मैसेज वायरल किया गया और मेसेज को देखकर जिज्ञासा रखने वाले ताथेड़ में कार्यरत साहित्यकार एवं शिक्षक हरिचरण ने नैतिकता का फर्ज निभाया और एसडीपी की इच्छा जाहिर की और वह सीधा ही अपना ब्लड सेंटर तलवंडी पहुंच गए और उन्होंने जीवन में पहली बार एसडीपी की है। हरि चरण 7 पुस्तक सामाजिक सरोकारों पर लिख चुके हैं और वहीं सामाजिक सरोकार एसडीपी डोनेशन के दौरान भी नजर आया। उन्होंने किसी अनजान की ज़िंदगी बचाने में सुख व संतुष्टि अनुभव की । टीम जीवन दाता ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि एसडीपी के लिए वह आगे आए और बाहर से आ रहे रोगियो के जीवन को बचाने में जीवनदायिनीं भूमिका निभाये ।