केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति द्वारा रखी गई सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद बुधवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' प्रणाली का समर्थन किया.एक्स पर एक पोस्ट में मायावती ने कहा, "देश में एक देश, एक चुनाव की व्यवस्था के तहत लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराने के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा आज दी गई मंजूरी पर हमारी पार्टी का रुख 'सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य राष्ट्रीय एवं जनहित में होना चाहिए."

हाल ही में, भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में एक साथ चुनाव पर उच्च-स्तरीय समिति ने भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की है. रिपोर्ट में राजनीतिक और आर्थिक दोनों लाभों का हवाला देते हुए सरकार के तीनों स्तरों - केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों - में एक साथ चुनाव कराने के विभिन्न लाभों की रूपरेखा दी गई है.रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि बार-बार चुनाव अनिश्चितता पैदा करते हैं और नीतिगत निर्णयों को प्रभावित करते हैं, जबकि एक साथ चुनाव कराने से राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा, शासन में आसानी होगी और मतदाताओं की भागीदारी बढ़ेगी. उच्च विकास, निर्बाध शासन और सरकारी संसाधनों के कुशल उपयोग जैसे आर्थिक लाभों पर भी प्रकाश डाला गया. एक साथ चुनाव कराने से रुक-रुक कर चुनाव कराने की बार-बार होने वाली लागत से बचकर सरकारी खजाने पर वित्तीय बोझ काफी कम हो जाएगा.राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है. कैबिनेट ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को मंजूरी दे दी."