नवीकरणीय ऊर्जा केवल विकल्प नहीं, बल्कि मौजूदा समय की मांग है : उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़

उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ः-

• भारत ने पर्यावरण का संरक्षण कर पूरी दुनिया को बचाने के इस महायज्ञ का आह्वान किया है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाकर प्रत्येक व्यक्ति अपनी आहुति दे

• पृथ्वी पर मौजूद प्राकृतिक संसाधन सभी के लिए हैं, लेकिन ज्यादा लोभ करेंगे, तो वह विनाश को आमंत्रित करेगा

• वेद-उपनिषदों में अक्षय ऊर्जा के संबंध में हजारों वर्ष पहले बताए गए उपायों को आज पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है 

ग्लोबल वार्मिंग एक ग्लोबल वार्निंग बन चुकी है, तब री-इन्वेस्ट का वैश्विक चिंतन उचित समय पर, उचित दिशा में हुआ चिंतन है : राज्यपाल आचार्य देवव्रत

यह समिट प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘वन सन, वन अर्थ, वन ग्रिड’ के विजन को एक नई दिशा देगी : मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल

गांधीनगर, गुजरात : भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से आयोजित चौथे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और एक्सपो 2024 (री-इन्वेस्ट) का समापन समारोह बुधवार को उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।

गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में आयोजित इस समापन समारोह में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी मौजूद रहे।

उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने नवीकरणीय ऊर्जा यानी रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के इस दौर में नवीकरणीय ऊर्जा केवल विकल्प ही नहीं, बल्कि मौजूदा समय की मांग भी है। क्योंकि, इसके साथ समग्र जीवसृष्टि का अस्तित्व जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत ने पर्यावरण का संरक्षण कर पूरी दुनिया को बचाने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में वैश्विक महायज्ञ का आह्वान किया है। उन्होंने अनुरोध किया कि प्रत्येक नागरिक नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाकर इस महायज्ञ में अपनी आहुति दे।

गुजरात के गौरवशाली इतिहास को पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायी बताते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि एक समय था जब स्वतंत्रता प्राप्त करने की बड़ी चुनौती का सामना करने के लिए गुजरात की भूमि के दो सपूतों, महात्मा गांधी और सरदार पटेल ने देश का नेतृत्व किया था। आज दुनिया को ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ जैसे एकता के प्रतीक की भेंट देने वाले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व का पूरी दुनिया ने न केवल स्वागत किया है, बल्कि उनके सुझावों को स्वीकार भी किया है। उन्होंने कहा कि गुजरात की भूमि पर इन तीन दिनों के दौरान दुनिया भर के रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र के अग्रणियों द्वारा विचार-मंथन किया गया है।

इस ऐतिहासिक आयोजन में लगभग 250 से अधिक विषय विशेषज्ञ वक्ताओं और उतनी ही संख्या में डेलीगेट्स भी सहभागी हुए हैं। गुजरात में आयोजित इस कार्यक्रम में तीन दिनों के दौरान हजारों की संख्या में नागरिकों ने भी अपनी सहभागिता दर्ज कराई है, जो वास्तव में सराहनीय है। उप राष्ट्रपति ने ऐसे वैश्विक आयोजन के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री को बधाई दी।

री-इन्वेस्ट एग्जीबिशन में इस दुनिया को और अधिक जीने तथा रहने लायक स्थान बनाने के लिए वैश्विक स्तर के उपाय प्रदर्शित किए गए हैं, जिसमें 200 से अधिक कंपनियों ने हिस्सा लिया है। इसके अलावा, समिट के तीन दिनों के दौरान 500 से अधिक बीटूबी (बिजनेस टू बिजनेस) और बीटूजी (बिजनेस टू गवर्नमेंट) बैठकें भी आयोजित हुई हैं। जिसमें दुनिया भर के राजनयिकों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि नवीकरणीय ऊर्जा केवल विकल्प ही नहीं, बल्कि मानव जीवन के अस्तित्व के लिए एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। इसे ध्यान में रखते हुए उप राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि री-इन्वेस्ट समिट रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र के विकास का एक शक्तिशाली माध्यम बनेगी।

उप राष्ट्रपति ने कहा कि पृथ्वी पर मौजूद प्राकृतिक संसाधन सभी के लिए हैं, लेकिन उसका उपयोग करने में हम ज्यादा लोभ करेंगे, तो वह विनाश को आमंत्रित करेगा। आज जलवायु परिवर्तन जीवसृष्टि के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। जीवसृष्टि के लिए पृथ्वी के अलावा कोई दूसरा ग्रह नहीं है, इसलिए इन समस्याओं का सामना करने के अलावा हमारे पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है। इस संदर्भ में भारत की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया का मार्गदर्शन कर रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत के प्राचीन वेदों और उपनिषदों में भी रिन्यूएबल एनर्जी यानी अक्षय ऊर्जा के उपयोग के संबंध में बताए गए उपायों को आज पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है। इसी उद्देश्य के साथ ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के मंत्र के साथ भारत ने गत वर्ष जी20 की सफल मेजबानी की थी, जिसमें यूरोपियन यूनियन और अफ्रीकन यूनियन सहित 100 से अधिक देशों ने भारत के सुझावों को स्वीकार उन्हें अपनाया है।

उप राष्ट्रपति ने कहा कि आने वाली पीढ़ी को सुंदर विश्व देना हम सभी का दायित्व है। आज तक मानव जाति ने वैश्विक संपदा को जो नुकसान पहुंचाया है, उसे लेकर अब नागरिकों में जागरूकता फैल रही है। नतीजतन, धरती को बचाने के इस महायज्ञ में प्रत्येक नागरिक को अपनी आहुति देनी होगी और इसके लिए सभी को एक सैनिक की तरह काम करना होगा।

राज्यपाल आचार्य देवव्रतः

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने री-इन्वेस्ट के समापन समारोह में कहा कि वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग एक ग्लोबल वार्निंग बन चुकी है, ऐसे में रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में महात्मा मंदिर में इन तीन दिनों के दौरान हुआ वैश्विक चिंतन उचित समय पर, उचित दिशा में हुआ चिंतन है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व कल्याण की संकल्पना के साथ प्रगति की राह पर अग्रसर है, और गुजरात रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में एक लीडर की भूमिका निभा रहा है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल और पूरी गुजरात सरकार को बधाई दी।

राज्यपाल ने कहा कि भौतिक उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ते हुए हमने प्रकृति का जमकर शोषण किया है। सूर्य, पृथ्वी, अग्नि, वायु और जल, इन पंचमहाभूतों या पंचतत्वों के शोषण से प्रकृति नाराज है। ग्लोबल वार्मिंग के स्वरूप में हम इसके गंभीर दुष्परिणाम भुगत रहे हैं। भारतीय शास्त्रों में पंचमहाभूतों को देवताओं की संज्ञा दी गई है। हमें अपने इन देवताओं की आराधना कर, प्रकृति के इन पंचतत्वों का पोषण कर प्रगति की राह पर अग्रसर होने की आवश्यकता है। चौथी वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक मीट इस दिशा में एक अहम सोपान सिद्ध होगी।

उन्होंने कहा कि ऊर्जा ही विकास का आधार है। सूर्य, पवन, हाइड्रो और ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में हुआ चिंतन पूरे जगत के कल्याण का चिंतन है। इसके लिए उन्होंने भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और गुजरात सरकार को बधाई दी।

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेलः-

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने समापन अवसर पर यह विश्वास व्यक्त किया कि ‘इन्वेस्ट-इनोवेट-इन्सपायर’ के मंत्र के साथ आयोजित चौथी री-इन्वेस्ट समिट ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ को साकार करने के साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए ‘वन सन, वन अर्थ, वन ग्रिड’ के विजन को गति देगी।

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम कर पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा सुरक्षा एवं हरित ऊर्जा के नए आयाम दिए हैं। श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के व्यापक विकास की इमारत ‘शक्ति पंचामृत’ के आधार पर बनाई है। इसके परिणामस्वरूप गुजरात देश के विकास के ग्रोथ इंजन के रूप में ‘अक्षय ऊर्जा राजधानी’ बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान गुजरात में सौर ऊर्जा के अधिकतम उत्पादन के लिए चारणका में देश का पहला सोलर एनर्जी पार्क स्थापित किया था। इतना ही नहीं, सरदार सरोवर बांध के माध्यम से जल शक्ति का ऊर्जा शक्ति में विनियोग कर जलविद्युत (हाइड्रोपावर) उत्पादन का महत्व स्थापित किया है।

इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि गत वर्ष राज्य में लगभग 62 हजार मिलियन यूनिट जलविद्युत का उत्पादन हुआ है। बेहतर जल प्रबंधन के कारण पम्प्ड हाइड्रो प्रोजेक्ट संभव हो पाए हैं और राज्य सरकार ने इस उद्देश्य से 50 स्थानों की पहचान की है। श्री भूपेंद्र पटेल ने गर्व के साथ बताया कि री-इन्वेस्ट समिट के चौथे संस्करण में 9460 मेगावाट क्षमता के पम्प्ड हाइड्रो प्रोजेक्ट्स के लिए 59 हजार करोड़ रुपए के एमओयू (समझौता ज्ञापन) इंटेंशन्स हुए हैं।

भारत के ग्रीन ट्रांजिशन की अनेक पहलों के साथ जुड़ने के अवसर के लिए प्रधानमंत्री के विजन से 2015 से री-इन्वेस्ट समिट का आयोजन होता है। मुख्यमंत्री ने खुशी जताई कि इस समिट के चौथे संस्करण में गुजरात में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में निवेश के लिए 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू इंटेंशन्स हुए हैं।

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशीः

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि ग्रीन एनर्जी क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ प्रतिबद्धता भारत को एक अधिक टिकाऊ भविष्य की दिशा में अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

श्री जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व और निरंतर मार्गदर्शन से भारत ने आज रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र के विकास को ग्लोबल मूवमेंट यानी वैश्विक आंदोलन बना दिया है। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) जैसी पहल के जरिए अनेक देशों को एक ही मंच पर लाकर प्रधानमंत्री ने वैश्विक रिन्यूएबल एनर्जी के प्रयासों में भारत को शीर्ष पर पहुंचाया है। इसके फलस्वरूप आज पूरी दुनिया रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में भारत की ओर सम्मानपूर्वक देख रही है।

केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री के उद्बोधन का उल्लेख करते हुए कहा कि गांधी जी का जीवन प्रेरणादायी था, क्योंकि उनके जीवन में न्यूनतम कार्बन फुटप्रिंट रहा है। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत का उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है। उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए भारत आज आत्मनिर्भर ऊर्जा क्षेत्र के लिए प्राकृतिक संसाधानों का समुचित उपयोग कर सस्टेनबल गतिविधियों को अपनाने की दिशा में प्रतिनिधित्व कर रहा है। श्री जोशी ने भारत की रिन्यूएबल एनर्जी यात्रा को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने और प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत@2047’ के विजन को साकार करने की तत्परता व्यक्त की।

केंद्रीय मंत्री ने री-इन्वेस्ट 2024 समिट की मेजबानी और इस समग्र आयोजन में संपूर्ण सहयोग देने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल और राज्य के ऊर्जा मंत्री श्री कनुभाई देसाई सहित पूरी गुजरात सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने पंजाब के राज्यपाल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गोवा के मुख्यमंत्रियों और तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री सहित समिट में शामिल हुए सभी गणमान्य लोगों, डेलीगेट्स, विषय विशेषज्ञों और उद्योगपतियों के प्रति भी आभार व्यक्त किया।

समापन समारोह में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री श्रीपाद येसो नाईक, गुजरात राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव श्री भूपेंद्र सिंह भल्ला, भारत और गुजरात सरकार के कई उच्च अधिकारी, देश और दुनिया से आए रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र के अग्रणी, उद्योगकार और विद्यार्थी उपस्थित रहे।