आम आदमी पार्टी (AAP) ने जेल से बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए गेम प्लान तैयार कर लिया है। इस प्लान के जरिए पार्टी के नेता हरियाणा चुनाव के दौरान इमोशनल कार्ड खेलेंगे। वे केजरीवाल के जेल जाने और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घटनाओं को चुनावी मुद्दा बनाकर उछालेंगे।इसके अलावा सभी बड़े चेहरे और खुद केजरीवाल बड़ी रैलियों की जगह डोर-टू-डोर कैंपेन चलाएंगे। इससे उन्हें लोगों के बीच जाकर अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। साथ ही वह अपनी पार्टी का एजेंडा जमीनी स्तर पर लोगों को समझा पाएंगे।2019 के बाद AAP ने BJP के बाद राज्य में बड़ा संगठन तैयार किया है। पार्टी का दावा है कि उसके 1.5 लाख वॉलंटियर पूरे राज्य में सक्रिय हैं। हरियाणा में AAP राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। आइए जानते हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद हरियाणा में चुनावी खेल कितना बदलेगा?कैथल से AAP उम्मीदवार अनुराग ढांडा का मानना है कि 2019 के उलट इस बार AAP ने अपने संगठन का विस्तार किया है और कई इलाकों में मजबूत भी हुई है। जब अरविंद केजरीवाल हरियाणा के गांवों में जाकर जनता से मिलेंगे, तो इसका अलग ही असर होगा। हरियाणा में BJP 10 साल से सत्ता में है। कांग्रेस यहां मुख्य विपक्षी दल है। इसके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और जननायक जनता पार्टी (JJP) के उम्मीदवार भी मैदान में हैं। AAP ने पिछले 5 सालों में हरियाणा में अपना कैडर मजबूत किया है। इसके साथ ही इस बार चुनाव के बीच दिल्ली और पंजाब से पार्टी के वॉलंटियर भी यहां सक्रिय होने वाले हैं।इन सबके बीच अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा पार्टी के लिए मददगार साबित हो सकता है। इसकी वजह यह है कि केजरीवाल चुनाव के दौरान लगातार कार्यकर्ताओं के बीच सक्रिय रहेंगे। इससे पार्टी के वॉलंटियर्स का मनोबल बढ़ेगा। पार्टी नेताओं कह रहे हैं कि केजरीवाल प्रचार में जी-जान से जुटेंगे।