एक ओर जहां परिजन अपने माता-पिता का भी श्राद्ध नहीं कर पाते, वहीं कोटा के कर्मयोगी सेवा संस्थान द्वारा विगत 25 वर्षों से 16 दिवस तक विधि विधान से देश दुनिया की समस्त दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए श्राद्ध तर्पण किया जा रहा है।
संस्थान द्वारा ब्रिटेन की दिवंगत महारानी से लेकर नेपाल के दिवंगत राजा रानी, देश के दिवंगत अन्नदाता किसान, सीमा पर देश की रक्षा के लिए शहीद हुए जवान की आत्म शांति के साथ-साथ देश दुनिया की समस्त दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए तर्पण का कार्यक्रम आयोजित होता है। तर्पण का यह अनूठा आयोजन दुनिया में एकमात्र कोटा में ही होता है
संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी रावण सरकार तथा अध्यक्ष अलका दुलारी जैन कर्मयोगी ने बताया कि कर्मयोगी सेवा संस्थान वर्ष 2000 से देश दुनिया की समस्त दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए 16 दिवसीय श्राद्ध तर्पण श्रद्धांजलि का कार्यक्रम आयोजित करता आ रहा है। इस वर्ष भी तर्पण के कार्यक्रम गुरु धाम कॉलोनी रोटेदा रोड सोगरिया रेलवे स्टेशन स्थित कर्मयोगी सेवा संस्थान के जिला मुख्यालय पर जिला अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा के नेतृत्व में मुख्य संरक्षक गोविंद नारायण अग्रवाल के संरक्षण में संपन्न होंगे।
उन्होंने बताया कि 18 सितंबर से प्रारंभ हो रहे
पूर्णिमा एवं एकम का श्राद्ध अंतर्राष्ट्रीय मानव कल्याणकारी दिवंगत दिव्य आत्माओं की शांति के साथ ही देश के समग्र विकास एवं जनहित में कार्य करने वाली दिव्य आत्माओं को समर्पित होगा।
वहीं 19 सितंबर को द्वितीया का श्राद्ध समस्त जलचर, नभचर, जीव जंतुओं, पशु पक्षियों, कीट, पतंगों की आत्म शांति के लिए समर्पित होंगा। साथ ही, 20 सितंबर 2024 को कानून की रक्षार्थ शहीद हुए पुलिसकर्मी, अधिकारी एवं न्याय की रक्षा के लिए जीवन समर्पित करने वाले दिवंगत विधि वेत्ताओं को समर्पित किए जाएंगे।
21 सितंबर शनिवार चतुर्थी का श्राद्ध देश के दिवंगत अन्नदाता किसानों की आत्मशांति के लिए समर्पित किए जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान 22 सितंबर पंचमी पर देश की सीमाओं पर नागरिकों की रक्षा के लिए शहीद हुए सभी सैनिकों, स्वतंत्रता संग्राम जलियांवाला बाग में दिवंगत हुए सभी स्वतंत्रता सेनानियों, 23 सितंबर को छठवीं का श्राद्ध भारत देश के दिवंगत वैज्ञानिकों, 24 सितंबर को सप्तमी का श्राद्ध अजन्मी कन्या भ्रूण हत्या की त्रासदी कि शिकार दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए समर्पित किया जाएगा।
कर्मयोगी ने बताया कि 25 सितंबर को अष्टमी का श्राद्ध विश्व में आतंकवाद राजनीतिकवाद, धार्मिक उन्माद, व्यक्तिवाद एवं साम्राज्यवादी षडयंत्रों को लेकर हुए दिवंगतों, 26 सितंबर को नवमी का श्राद्ध विश्व विख्यात प्रेरणा दायक दिवंगत महिलाओं, विशेष रूप से जौहर की जवाला में अपने प्राण का बलिदान देने वाली वीरांगनाओं, 27 सितंबर दसवीं का श्राद्ध देश दुनिया के दिवंगत खिलाड़ियों, चित्रकारों एवं कलाकारों, पत्रकारों साहित्यकारों, गीत एवं संगीतकारों की आत्म शांति के लिए तर्पण किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 28 सितंबर को एकादशी का श्राद्ध देश के पूर्व शासकों, देशहित में कार्य करने वाले शाही राजघरानों, 29 सितंबर द्वादशी का श्राद्ध दिवंगत साधु संन्यासियों को, 30 सितंबर तेरस का श्राद्ध लावारिस एवं भुखमरी के कारण दिवंगत हुई आत्माओं, 1 अक्टूबर को चतुर्दशी का श्राद्ध प्राकृतिक त्रासदियों एवं मानवीय भूल से हुई अकाल मृत्यु के दिवंगतों, देश दुनिया में कोरोना त्रासदी के कारण हुए दिवंगतों को समर्पित किया जाएगा।
कर्मयोगी ने बताया कि 2 अक्टूबर को सर्व पितर अमावस्या का श्राद्ध होगा। जिसमें आर्थिक अभाव के कारण श्राद्ध नहीं कर पाने वाले परिजनों के दिवगंतों के साथ समस्त भूली बिसरी आत्माओं की शांति के लिए किया जाएगा। इस दिन शाम 5 बजे से आम भंडारा होगा। वहीं 7 बजे दीपदान के साथ श्राद्ध तर्पण श्रद्धांजलि महोत्सव का
समापन होगा।