टीम जीवन दाता द्वारा डेंगू के प्रकोप के चलते लोगों को एसडीपी उपलब्ध कराई जा रही है, ऐसे में पिछले कुछ दिन में 7 से अधिक बी पॉजिटिव एसडीपी उपलब्ध करवाई जा चुकी है। ऐसे में एक बार फिर चित्तौड़ से आई मरीज को कोटा में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। विजय कुमारी शर्मा की प्लेटलेट निरंतर गिरती जा रही थी। चित्तौड़ में टीम जीवन दाता का कार्य देख रहे धीरज धाकड़ ने भुवनेश गुप्ता को कॉल किया और इसी दौरान अपना ब्लड सेंटर तलवंडी इंदिरा शर्मा पहुंची जो अपनी मां से मिलने आई थी। भुवनेश गुप्ता ने कहा कि बी पॉजिटिव एक दिन में 7 एसडीपी की व्यवस्था पहले ही करवाई जा चुकी थी, ऐसे में एक और एसडीपी को कराया जाना चेलेंज था। लेकिन जब मानसी गौड़ को इन पूरी परिस्थितियों से अवगत कराया तो वह शीघ्र ही तैयार हो गई और अपना ब्लड सेंटर तलवंडी पहुंची और उन्होंने 16वीं बार एसडीपी डोनेट की है। वह इससे पूर्व पांच बार ब्लड डोनेशन कर चुकी है। शिक्षिका होने के नाते उन्होंने कहा कि यह मेरा नैतिक दायित्व है और युवाओं को भी अपना नैतिक दायित्व निभाना चाहिए यही। नैतिक शिक्षा घर-घर पहुंचे ऐसा प्रयास किया जाना चाहिए, ताकि किसी जरूरतमंद की मदद हो सके।