मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम को सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग (डीओआईटी) में हुए कथित 3500 हजार करोड़ के घोटालों की शिकायत की है।किरोड़ी मीणा रविवार को बेढम के आवास पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने बताया- गहलोत राज में डीओआईटी में करीब 3500 करोड़ के घोटाले की शिकायत एसीबी में की गई थी, लेकिन गहलोत सरकार ने एसीबी को जांच की इजाजत नहीं दी।किरोड़ी बोले- कबाड़ा गहलोत सरकार में हुआ है, लेकिन अब हमारा मौका है। हमारी सरकार है, ऐसे में गृह राज्य मंत्री बेढम से मिलकर इन घोटालों की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग करने आया हूं।इस मुलाकात के बाद मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा- सरकार में सीनियर मंत्री किरोड़ीलाल मीणा कांग्रेस राज में हुए घोटाले की जांच करवाने की मांग लेकर आए थे। मैंने डीजीपी को फोन कर कहा है कि इस मामले की जांच कर कार्रवाई करें। किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि जिस लेटरल एंट्री का विपक्ष ने विरोध किया था, उसी तरह की लेटरल एंट्री डीओआईटी के अधिकारियों ने पिछले शासनकाल में की थी। विभाग में बिना किसी सरकारी एजेंसी के ही लोगों को सीधे भर्ती कर लिया गया था। इन घोटालों में संबंधित कंपनियों और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होकर इनकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने दावा भी किया कि इन घोटालों की करीब 10 एफआईआर दर्ज होगी। किरोड़ी ने आरोप लगाया- प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट फॉर सोशल मीडिया डेवलपमेंट एक्टिविटी के तहत करोड़ों रुपए की लूट की गई। इस प्रोजेक्ट के तहत अगर मैनेजमेंट यूनिट का कोई व्यक्ति जांच के लिए राजस्थान में किसी भी शहर में गया तो उसे डीओआईटी की ओर से 2 लाख 61 हजार 400 रुपए का भुगतान किया गया। वहीं राजस्थान से बाहर जाने पर 4 लाख 95 हजार 666 रुपए का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा- इतना टीए-डीए तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भी नहीं मिलता है।