जीएडी गणेश मेला समिति की ओर से श्रीनाथपुरम स्टेडियम के बाहर लगे मेला प्रांगण में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। मेला समिति अध्यक्ष देवेंद्र चौधरी मामा ने बताया कि कवि सम्मेलन में प्रख्यात कवि सुरेश अलबेला के साथ मनोज चौहान, मोनिका देहलवी, गिरिराज आमेटा, राजकुमार बादल, भूपेंद्र राठौर, सुशील कलवार और नवीन बैरागी ने काव्य पाठ किया। 

जिसकी शुरुआत मोनिका देहलवी की गणेश वंदना से हुई। उन्होंने "देवी सरस्वती भगवती जय हो..." गाकर कवि सम्मेलन का आगाज किया। लाफ्टर चैलेंज के विजेता सुरेश अलबेला ने अपनी कविताओं और चुटकुलों से सराबोर किया। उन्होंने "दसों दिशाओं में गूंज उठा पुरुषार्थ राम के नाम का, अवधपुरी में बन चुका भव्य धाम राम का.." पढ़ी तो भगवान श्री राम के जयकारे गूंज उठे। इसके बाद सुरेश अलबेला ने "उसका कद हिमालय से भी बड़ा होता है, जो देश की रक्षा के लिए सरहद पर खड़ा होता है.. गाकर दाद बटोरी। अलबेला ने कटाक्ष करते हुए "जिनको झांसी की तलवार उठानी है, वह रील्स पर ठुमके लगा रही है.. गाया। इसके बाद "मुझ पर बना कर फिल्म पा गए वे पद्मश्री मुझे अपनी फसल का भी दाम ना मिला.. तथा "अगर हमारा कोई हीरो है तो खेत में खड़ा हुआ किसान है या सीमा पर डटा हुआ जवान है.. सुनाई।

मोनिका देहलवी ने श्रृंगार रस लुटाते हुए "मुझको तन्हाइयों में पुकारा करो, जान देना मोहब्बत में मुश्किल नहीं, आप तो मुस्कुरा कर इशारा करो.." सुनाई तो हर कोई वाह वाह कर उठा। राजकुमार बादल ने राजस्थानी कविताओं के माध्यम से हास्य पैदा किया। उन्होंने "आज म्हारी चाय ने भी थोड़ी मीठी कर दे.." तथा बण ठण डोली में जा, भाग मत लाडली.. गाकर घर के संस्कारों को गाया। 

मनोज चौहान ने ओज रस से ओतप्रोत कविताएं सुनाना शुरू किया तो मेला प्रांगण वंदेमातरम के नारों से गूंज उठा। उन्होंने "आज कोई जिक्र नहीं छेडूंगा.. आतंकी आकाओं के, दीप बुझाने वाली वहशी क्रूर हवाओं के.. चरण पियूंगा धोकर ऐसी वीर प्रसूता मांओं के.. गाई। इसके बाद "कलम हमारी भगत सिंह को जिंदा करके मानेगी.. सुनाई। मनोज चौहान ने "हिंद की अखंडता पर क्रूर दृष्टि डालोगे तो हम जैसे नौजवानों की जवानी जाग जाएगी, बंद नहीं होगा यदि दानवता का उत्पात, मुंडमाल भवानी जाग जाएगी.. सुनाई। उन्होंने पुलवामा और चंद्रशेखर आजाद पर भी कविता सुनाई।

संचालन करते हुए भूपेंद्र राठौर ने तू कश्मीर कश्मीर करता है पैरोडी सुनाई। उन्होंने अवधपुरी के राजा को भी पक्का एक मकान मिला, 370 हटा चुके अब पीओके की बारी है .. सुनाई। सुशील कलवार ने गानों के शब्दों को लेकर व्यंग्य किया। गिरिराज आमेटा ने म्हने छोटी मिली रे नार .. गीत की प्रस्तुति दी। नवीन बैरागी ने सीमा हैदर के सीमा पार करने पर व्यंग्य कसा।