भारतीय राष्ट्रीय किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को ज्ञापन भेजकर केंद्र सरकार से राजस्थान के किसानो की भी समर्थन मूल्य पर खरीदी की स्वीकृति दिलाए जाने की मांग की है।मनोज दुबे ने केंद्र सरकार के द्वारा राजस्थान के सोयाबीन किसानो के साथ किए जा रहे अन्याय,भेदभाव व सौतेले व्यवहार पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
मनोज दुबे ने कहा की केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र,कर्नाटक,तेलंगाना व मध्यप्रदेश मे सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीद कराए जाने की स्वीकृति प्रदान की है।लेकिन केंद्र सरकार ने राजस्थान के सोयाबीन किसानो की घोर उपेक्षा करते हुए राजस्थान के किसानो की सोयाबीन समर्थन मूल्य पर खरीदी की स्वीकृति नही दी है।जब सरकार महाराष्ट्र,कर्नाटक व मध्यप्रदेश मे सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीद कर रही है तो फिर राजस्थान के किसानो के साथ सौतेला व्यवहार क्यो? किया जा रहा है।
मनोज दुबे ने कहा की केंद्र सरकार ने पहले ही सोयाबीन का समर्थन मूल्य लागत से भी कम मात्र 4892 रूपए क्विंटल घोषित किया है। किसान मंडियों मे सोयाबीन 3500 रूपए क्विंटल मे बेचने को मजबूर है।जिससे किसानो का सोयाबीन की फसल का लागत खर्च भी नही निकल रहा है।केंद्र सरकार राजस्थान मे भी सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीद की घोषणा करे।केंद्र सरकार का राजस्थान के सोयाबीन किसानो के साथ उपेक्षापूर्ण रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है।
मनोज दुबे ने कहा की समर्थन मूल्य लागत मूल्य से भी कम घोषित कर केंद्र सरकार सोयाबीन व धान उत्पादक किसानो के साथ घोर अत्याचार कर रही है।जिससे किसानो मे भारी आक्रोश व्याप्त है।एक ओर केंद्र सरकार किसानो की आय दोगुनी करने की किसानो को गारंटी देती है।दूसरी और सोयाबीन व धान का समर्थन मूल्य लागत खर्च से भी कम घोषित कर किसानो की कमरतोड़ने का किसान विरोधी काम कर रही है जो घोर निंदनीय एवम दुर्भाग्यपूर्ण है।केंद्र सरकार सोयाबीन का समर्थन मूल्य बढाकर 8000 व धान का समर्थन मूल्य बढाकर 4000 पार कर किसानो को राहत दे।