पूर्व सीएम अशोक गहलोत को हरियाणा चुनावों में सीनियर ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी दी गई है। गहलोत के साथ अजय माकन और प्रताप सिंह बाजवा को भी सीनियर ऑब्जर्वर बनाया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने तीनों नेताओं की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं।गहलोत को 13 सितंबर (गुरुवार) को ही हरियाणा चुनावों के लिए स्टार प्रचारक बनाया गया था। गहलोत के साथ पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी स्टार प्रचारक बनाया है।गहलोत को 2 दिन में कांग्रेस ने दो जिम्मेदारियां दी हैं। गहलोत लंबे बेड रेस्ट के बाद अब फिर सक्रिय हो गए हैं। लोकसभा चुनावों के दौरान गहलोत को स्लिप डिस्क की दिक्कत हो गई थी, इसके चलते वे मई से बेड रेस्ट पर थे। गहलोत को हरियाणा में सीनियर ऑब्जर्वर बनाने के पीछे उनके अनुभव और स्थानी नेताओं से ट्यूनिंग भी एक बड़ा कारण है। हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से लेकर कुमारी शैलजा, रणदीप सुरेजवाला सहित सभी बड़े नेताओं से उनके अच्छे संबंध हैं। हुड्डा जब पहली बार सीएम बने थे, तब भी तीन नेताओं के साथ गहलोत ऑब्जर्वर थे। अजय माकन के राजस्थान प्रभारी रहते हुए गहलोत से कड़वाहट बढ़ गई थी। कुछ समय बाद ही माकन को राजस्थान प्रभारी पद से हटा दिया था। कड़वाहट के पीछे विधायक दल की बैठक नहीं होने देना कारण था।25 सितंबर 2022 को विधायक दल की बैठक बुलाने के बावजूद गहलोत गुट के विधायक नहीं पहुंचे थे, नए नेता का चुनाव करने का अधिकार हाईकमान पर छोड़ने का एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं हो सका था। उस वक्त माकन के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे भी ऑब्जर्वर बनकर जयपुर आए थे।दोनों नेता सीएम हाउस पर आधी रात तक विधायकों का इंतजार करते रहे। गहलोत गुट के विधायकों ने शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक कर विधायक दल की बैठक का यह कहकर बहिष्कार करने की घोषणा की थी कि सचिन पायलट को सीएम बनाना वे मंजूर नहीं करेंगे।