बूंदी। जिले के आंतरदा गांव में श्री तेजाजी महाराज का तीन दिवसीय मेला तेजादशमी से प्रांरम्भ होता आया है। यहां पर 150 वर्षाे से भी ज्यादा समय से सर्प रूप मे देह लायी जाती रही है। आज भी भोपा प्रभूलाल कीर के हाथ में सर्प रूप मे तेजाजी की देह लायी गयी। गजनपीर डुंगरी के पीछे  देवनारायण के पुराने मन्दिर के पास करीर पेड के पास बताऐ हुये निर्धारित स्थान पर गये। करीर के पेड से गाजे बाजे के साथ समस्त ग्रामजनों की उपस्थिति मे मान मनुआर कर पधारने का अनुरोध किया। जयकारों से वातावरण गुंज उठा। भोपा प्रभूलाल कीर के हाथ में पुष्पों के खल्ले में आकर सर्प रूपी देह को बिराजने पर जयकारों के साथ जुलुस प्रांरम्भ किया। समस्त गांव में दर्शन करवाते हुये तेजाजी के थानक पर पहुंचे। वर्तमान मे भी स्टेट समय से गढ के अन्दर जाकर राज परिवार के सदस्यों को देह के दर्शन करवाने की परम्परा निभाई जाती है। जुलुस मार्ग में ग्रामीणों द्वारा जयकारों के साथ ढोल नगाड़ों के साथ नृत्य करते हुये आनन्द की अनुभूति कर रहे थे। गांव के सभी महिला पुरूष जुलुस में उपस्थित हुये। आसपास की जनता भी दर्शन के लिए उमड पडी। आज से ही चार दिवसीय मेले का आयोजन प्रांरम्भ हुआ। इस मेले का आयोजन ग्राम पंचायत द्वारा करवाया जाता है।