कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चार पन्नों का पत्र लिखकर 9 अगस्त को पश्चिम बंगाल के शहर कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के मामले में हस्तक्षेप की मांग की है.पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट की ओर से लिखे गए पत्र की प्रतियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भेजी गईं. पत्र में लिखा है, "हम विनम्रतापूर्वक राज्य के प्रमुख के रूप में आपके सम्मानित महामहिम के समक्ष मुद्दों को रखते हैं, ताकि हमारे दुर्भाग्यपूर्ण सहयोगी जो सबसे घृणित अपराध का शिकार हुए हैं, उन्हें न्याय मिले, और ताकि हम, पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के तहत स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर, बिना किसी डर और आशंका के जनता के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करने में सक्षम हो सकते हैं."पत्र में लिखा है, "इस कठिन समय में आपका हस्तक्षेप हम सभी के लिए प्रकाश की किरण के रूप में काम करेगा, जो हमें चारों ओर से घिरे अंधेरे से बाहर निकलने का रास्ता दिखाएगा." पत्र में आगे कहा गया, "भय, अविश्वास और निराशा के इस अशांत माहौल में, पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों को अस्पताल परिसर के भीतर काम करने से बचने के लिए मजबूर किया गया है और इसके बजाय उन्होंने नागरिकों को स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए वैकल्पिक तरीके अपनाए हैं."इस बीच, कोलकाता शहर के साल्ट लेक इलाके में स्वास्थ्य भवन के सामने हुई घटना को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार को बारिश के बीच भी अपना विरोध जारी रखा.
कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों ने राष्ट्रपति मुर्मू, पीएम मोदी को लिखा पत्र, मामले में हस्तक्षेप की मांग
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