131वे राष्ट्रीय दशहरा मेला 2024 में श्रीराम रंगमंच पर भव्य रामलीला का आयोजन करवाया जाएगा। शहर के विभिन्न स्थानों से दशहरा मैदान तक आने-जाने के लिए आमजन के लिए निशुल्क बस सेवा भी उपलब्ध करवाई जाएगी। 

नगर निगम कोटा दक्षिण के नेता प्रतिपक्ष एवं मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने अवगत कराया कि मेला लगभग 25 दिनों का होता है लेकिन पुराने अनुभवों के आधार पर अब तक यह बात सामने आई है कि रावण दहन के बाद ही मेले में लोगों का आगमन प्रारंभ होता है। ऐसे में व्यापारियों के लिए व्यापार की यह अवधि मात्र 15 से 16 दिन की ही रह जाती है। इस कारण गत वर्ष मेले में 190 दुकानें खाली रह गई थीं। जिन व्यापारियों ने दुकानें लगाईं थीं उनका भी कहना था कि आमजन के नहीं आने के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है। इस वर्ष भी कई दुकानदार आने पर हिचक दिखा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि इस वर्ष मेला उद्घाटन के साथ ही मेले में आमजन का जुड़ाव बने। जिससे मेले में आने वाले व्यापारियों को भी लाभ मिले।

राजवंशी ने कहा कि नगर निगम शहर में अन्य स्थानों पर रामलीला का आयोजन नहीं करता बल्कि विभिन्न स्थानों पर स्थानीय समितियों को रामलीला आयोजन के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाता आया है। लेकिन प्राय देखने में आया है कि इन स्थानों पर दर्शकों का अभाव रहता है और रामलीला के मंचन के दौरान दर्शक दीर्घा खाली पड़ी रहती हैं। इस कारण जो धन नगर निगम की ओर से उपलब्ध करवाया जाता था उसका उचित उपयोग नहीं हो पा रहा था। पिछले दिनों मेले आयोजन के संबंध में प्रबुद्धजन, वरिष्ठजनों तथा सामाजिक संस्थाओं के सुझाव लेने के लिए आयोजित बैठक में भी विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जाने वाली रामलीलाओं में दर्शक नहीं आने की बात अनेक लोगों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने रेखांकित की थी। जनप्रतिनिधि जनता के धन का ट्रस्टी होता है। इस कारण उनका प्रयास होता है कि जनता के धन का सदुपयोग हो और आमजन को भी लाभ मिले। इसी को देखते हुए मेला समिति ने यह निर्णय किया है कि शहर में विभिन्न स्थानों पर होने वाले आयोजनों की जगह दशहरा मैदान में आयोजित होने वाली रामलीला को ही भव्य और आकर्षक बनाया जाए। दर्शक विभिन्न स्थानों ने दशहरा मैदान रामलीला देखने आएंगे तो मेले की शोभा भी बढ़ेगी और भव्यता भी आएगी। 

-मेला समिति का पूरा प्रयास है कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए हम मेले के पुराने वैभव को लौटाने का प्रयास करें, इसके लिए मेले के हित में उचित और सार्थक निर्णय लेने के प्रयास कर रहे हैं। फिर भी कुछ लोग इस विषय पर राजनीति कर रहे हैं। यदि वह चाहते हैं कि मेले रूपी इस ऐतिहासिक धरोहर की कीमत पर उनकी व्यक्तिगत महत्वकांक्षाओं की पूर्ति हो तो वह जो चाहे कह सकते हैं लेकिन मेले को संरक्षित करने के लिए हम अपने प्रयास जारी रखेंगे।

राम कथा के भी प्रयास जारी

विवेक राजवंशी ने अवगत कराया कि मेले में रामकथा के आयोजन के भी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए भी ऐसे बड़े कथाकारों से सम्पर्क किया जा रहा है, जिनके श्रीमुख से कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में भक्तजन और श्रद्धालु आते हैं।