लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को महर्षि दधीचि छात्रावास समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में देहदानियों को सम्मानित किया। महर्षि दधीचि जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में स्पीकर बिरला ने कहा कि महायोगी महर्षि दधीचि जी का जीवन हमें त्याग, तपस्या एवं मानवता के मार्ग पर सदैव चलते रहने की प्रेरणा देता है। महर्षि दधीचि ऐसे महादानी हुए,जिन्होंने धर्म की स्थापना व जगत कल्याण के लिए अपनी अस्थियां तक दान कर दीं। महर्षि दधीचि जी की जयंती का अवसर हमारे समाज की एकता, सहयोग,त्याग और मानवता के प्रति समर्पण को प्रदर्शित करता है। इस पावन अवसर पर, हम उन लोगों को सम्मानित कर रहे हैं जिन्होंने देहदान के माध्यम से समाज और मानवता के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन किया है। यह पुनीत कार्य न केवल हमारे लिए प्रेरणा है, बल्कि यह समाज के सभी वर्गों के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है। 

एक समान पॉलिसी पर हो रहा काम

बिरला ने कहा कि मेडिकल साइंस के इस दौर में अंग दान किसी को जीवन देने का एक बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है। जब एक व्यक्ति मृत्यु के बाद अपना शरीर दान करता है तो कई लोगों को एक नया जीवन मिलने की संभावना बनती है। अंगदान को प्रोत्साहित करने के लिए पूरे देश में एक जैसी पॉलिसी पर काम किया जा रहा है। सरकार ने भी अंगदान के लिए 65 वर्ष से कम आयु की आयु-सीमा को भी खत्म करने का फैसला लिया है। इस दौरान ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर व प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने भी संबोधित किया।