टीम जीवन दाता द्वारा लोगों को एसडीपी उपलब्ध कराए जाने के लिए निरंतर सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। डेंगू के बाद लोगों के अस्पताल में पहुंचना और एसडीपी के लिए गुहार लगाने का क्रम तेजी से बढता जा रहा है। शहर में लगातार एसडीपी की डिमांड आ रही है, ऐसे में डोनर्स की सेवा से ही एसडीपी संभव हो पा रही है, जिसमें टीम जीवनदाता सारथी की भूमिका निभा रही है। टीम जीवनदाता के संयोजक व संरक्षक भुवनेश गुप्ता ने बताया कि हिमानी (28) को डिलीवरी केस में चिकित्सक ने दो यूनिट एसडीपी चढ़ाए जाने के लिए कहा था, पति पुलकित खंडेलवाल परेशान हो रहे थे। रात को उन्हें एक एसडीपी उपलब्ध कराई लेकिन उन्हें दो एसडीपी की आवश्यकता थी। ऐसे में विजय नंदवाना को कॉल किया तो वह पारिवारिक कार्यक्रम में व्यस्त थे, लेकिन मरीज की गंभीर अवस्था से उन्हें अवगत कराया तो वह सीधे अपना ब्लड सेंटर पहुंचे और ए पॉजीटिव एसडीपी डोनेट की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मानवीय सेवा का अवसर मिले तो उस अवसर को गवाना नहीं चाहिए क्योंकि जीवन में मानव सेवा से बडा पुण्य कुछ भी नहीं है। किसी का जीवन बचाना सर्वेश्रेष्ठ कार्य है।