केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह सर्वसम्मति से फिर से संसदीय राजभाषा समिति के अध्यक्ष चुने गए हैं। नई सरकार के गठन के बाद, सोमवार को यहां संसदीय राजभाषा समिति के पुनर्गठन के लिए हुई बैठक में उन्हें दोबारा इस पद के लिए चुना गया। उन्होंने सभी सदस्यों का आभार जताते हुए कहा अन्य भारतीय भाषाओं के साथ स्पर्धा के बिना हमें हिंदी की स्वीकार्यता को बढ़ाना है। गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष के बाद यह बहुत जरूरी है कि देश का शासन देश की भाषा में चले और हमने इसके लिए कई प्रयास किए हैं। हमने शब्दकोष का निर्माण किया और शिक्षा विभाग को साथ लेकर देश की स्थानीय भाषाओं से हजारों शब्द हिंदी में जोड़ने का काम किया। कई ऐसे शब्द थे जिनका पर्याय हिंदी में उपलब्ध नहीं था, हमने अन्य भाषाओं से अनेक शब्दों को स्वीकार कर न सिर्फ हिंदी को समृद्ध किया और इसे लचीली बनाया बल्कि उस भाषा और हिंदी के बीच के रिश्ते को भी मजबूत करने का काम किया है।