सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अग्रवाल मंदिर में मुनि अनुसरण सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में दशलक्षण महापर्व के द्वितीय दिवस पर मार्दव धर्म की पूजा अर्चना की।
जिसमें सैकडों श्रद्धालुओं ने पूजा में भाग लिया। चातुर्मास कमेठी के अध्यक्ष सुनिल भाणजा व बंटी कठमाणा ने बताया कि कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्रात: कालीन बेला में भगवान पारसनाथ, भगवान शांतिनाथ व भगवान आदिनाथ का अभिषेक व पंचामृत अभिषेक किया गया। इसके पश्चात भगवान पारसनाथ की शांतिधारा करने का सोभाग्य सुरेशचन्द, संजयकुमार व सुनिलकुमार भाणजा व भगवान शांतिनाथ की शांतिधारा विष्णुकुमार, राहुलकुमार बोहरा, भगवान आदिनाथ की शांतिधारा सोधर्म इन्द्र रतनलाल, महेन्द्रकुमार सारसोप व संजयकुमार, नितिनकुमार सोगाणी को मिला। इसके पश्चात देव शास्त्र गुरू, सिद्व पूजा, सोलह कारण पूजा, शांतिनाथ पूजा, दशलक्षण धर्म की पूजा की गई। शाम को शांतिसागर पाठशाला के बच्चों द्वारा एक नाटिका का मंचन किया गया। मुनि अनुसरणसागर महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि मार्दव धर्म सब व्रतो का और संयम का आधार है। उन्होंने कहा कि मार्दवधर्म आत्मा व सम्यक दर्शन का अंग है। इस धर्म को जानकर इसकी स्तुति करनी चाहिए।