सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अग्रवाल मंदिर में मुनि अनुसरण सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में संयम और आत्मशुद्धि के दशलक्षण महापर्व का रविवार को शुभारंभ हआ।

जिसमें सैकडों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। चातुर्मास कमेठी के अध्यक्ष सुनिल भाणजा ने बताया कि दशलक्षण पर्व जैन धर्म का प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार जैन धर्म के दस प्रमुख गुणों का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। दस दिन तक आयोजित यह त्योहार 8 सितंबर से शुरू हुआ है। जो 17 सितंबर तक तक रहेगा। हितेश छाबडा ने बताया कि दशलक्षण महापर्व के प्रथम दिवस पर उत्तम क्षमा धर्म की पूजा-अर्चना की गई। प्रात: काल में सोधर्म इन्द्र सत्यनारायण, विनोद कुमार, महेश कुमार मौटूका परिवार ने भगवान की पंचामृत से अभिषेक व शान्तिधारा की। इस दौरान भगवान शान्तिनाथ व आदिनाथ को सिंहासन पर विराजमान करने का शोभाग्य सुशीलकुमार व नीरा देवी आरामशीन एवं विष्णुकुमार व राहुलकुमार बोहरा को मिला। इसके पश्चात देव शास्त्र गुरू, सोलह कारण पूजा, शांतिनाथ पूजा, दशलक्षण धर्म की पूजा की गई। इस दौरान मुनि अनुसरणसागर महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि 10 दिनों तक अपने आत्मकल्याण के लिए विशेष आराधना की जाती है। उन्होंने कहा कि क्षमा, सहनशीलता, क्रोध नही करना, क्षमा के गुणों का चिंतन करना, अपने विवेक से नम्रता से उसे विफल कर देना ही क्षमा धर्म है।