मंत्री बनने के बाद तो मैं शिखंडी बन गया, जो करने की शक्ति थी, वो भी नहीं रही है। यह वो हटीले हम्मीर की धरती, जिसने अपने वचन को निभाने के लिए प्राण न्यौछावर कर दिये। मैने भी आपको वचन दे दिया है, मैं किसी के सामने सिर नहीं झुकाउंगा।यह कहना है मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा का। उन्होंने कहा कि आज के समय में जैसे राजनेता बदल गए है वैसे जनता भी बदल गई है। डॉ. किरोड़ी ने कहा कि मेरे बगल में गंगापुरसिटी है, जहां जनता ने उस आदमी को फिर एमएलए बना दिया, जिसने ये कहा था कि आदिवासी या मीणा हिन्दू नहीं है। वो फिर चुनाव जीत कर चला गया, इसमें गलती किसने की, गंगापुरसिटी में इतना बड़ा हिन्दू तबका होने के बाद भी वो आदमी चुनाव जीत गया इसमें गलती किसकी है अपनी।अपने इस्तीफे के मामले पर बोलते हुए किरोड़ी ने कहा कि मैने पार्टी और मुख्यमंत्री को कह दिया कि मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लो। जिस पर उन्होंने कहा कि क्यों?, जिस पर मैने कहा कि 45 साल तक टोंक, सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर, धौलपुर में लोगों की हर दुख दर्द में सेवा की है। लेकिन लोकसभा चुनाव में मैं जिस सीट से विधायक हूं, वो सीट तक भाजपा को नहीं जीता पाया, जहां मेरा जिला है वो सीट हार गया। इस वजह से मैंने इस्तीफा दिया है।किरोड़ी ने कहा कि आज राजनीति में गिरावट आ रही है। जो आदमी सनातन का अपमान कर रहा है भगवान राम, गणेश आदि को गाली दे रहा है फिर भी जीतकर जा रहा है। इसलिए ही आज राजनीति में गिरावट आ रही है। डॉ. किरोड़ी ने कहा कि मैं यहां कोई राजनीतिक भाषण नहीं दे रहा, बल्कि जो मन में पीड़ा है उसे व्यक्त कर रहा हूं।इधर कथावाचक मुरलीधर महाराज ने डॉ. किरोड़ीलाल मीणा से बोले कि वे गजब के नेता है। ऐसे नेता देश को चाहिए, विशेषकर राजस्थान को डॉ. किरोड़ी जैसे नेताओं की बहुत जरूरत है। डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा को धरनों से ही फुर्सत नहीं मिल पाती।