बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बनी अंतरिम सरकार को आज एक महीना पूरा हो गया है। जन-विद्रोह और अशांति के बाद अंतरिम सरकार ने एक महीने के भीतर देश की पूरी मशीनरी को बदल दिया है। राजधानी ढाका में अंतरिम सरकार के गठन के बाद से ही हालात सामान्य हो गए थे।इस बीच, यूनुस सरकार के कट्टरपंथी समर्थक जमात-ए-इस्लाम पार्टी ने रवींद्रनाथ टेगोर के लिखे बांग्लादेश के राष्ट्रगान अमार सोनार बांग्लाको बदलने की आवाज तेज कर दी है। हालांकि, अंतरिम सरकार में धार्मिक मामलों के मंत्री खालिद हुसैन ने राष्ट्रगान बदलने से इनकार किया है।हालांकि जानकारों का कहना है कि अंतरिम सरकार संविधान बदलने के लिए रिटायर्ड फौजी अफसरों की कमेटी बना चुकी है। फौज समर्थित अंतरिम सरकार आने वाले दिनों में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े प्रतीकों को खत्म करेगी। छात्र आंदोलन में बंग बंधु मुजीबुर रहमान की प्रतिमा गिराई जा चुकी है। ऐसे में राष्ट्रगान बदलने पर कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।