भागवत वक्ता अनिरुद्धाचार्य ने विवादित बयान दिया। मथुरा के संतों का कहना है कि अनिरुद्धाचार्य ने प्रभु शिव को श्रीकृष्ण का साला बताया है। जबकि ऐसा कोई संदर्भ सनातन धर्म में नहीं मिलता है।डीएम आफिस में करीब 100 से ज्यादा संत पहुंचे। परम ज्ञान आश्रम पटलोनी के महंत प्रवेशानंद पुरी ने कहा- अनिरुद्धाचार्य को शास्त्रों का ज्ञान नहीं हैं, उनके प्रवचन बंद कराए जाने चाहिए। इसके 24 घंटे के अंदर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने एक वीडियो जारी करके माफी मांगी। अनिरुद्धाचार्य ने कहा- पूज्य संतों की वाणी मैंने सुनी। एक संत ने कहा कि आपने शिवजी पर कुछ कहा। ऐसी कोई बात मेरी जानकारी में अभी तक नहीं है। मेरी वाणी से अगर मेरे संतों का दिल दुखा है। संतों का दिल दुखना, मतलब भगवान का दिल दुखना। संत भगवान का ही पर्याय हैं। ये दास अनिरुद्धाचार्य सभी संतों के चरणों में सिर रखकर करोड़ो-करोड़ो बार क्षमा प्रार्थी है। अगर भगवान शिव के बारे में आपने कुछ सुना, तो शिव तो हम सबके अराध्य हैं। हरि और हर में अगर तनिक भी फर्क करे। तनिक भी अपमान करें, तो हमारी जीभ गल जाए। मैं आपका दास हूं। ऐसे दास को क्षमा करें। मेरी टूटी-फूटी वाणी है, उसको आप स्वीकार भी करते हैं। इसलिए क्षमा भी करें।