कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने भारतीय ऑटो बाजार की बिक्री को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि बेहतर मानसून और त्योहारी सीजन की मांग के कारण ऑटो उद्योग की बिक्री में उछाल आएगा। वहीं अगस्त में किस कंपनी की कितनी सेल रही इसके बारे में भी बताया गया है। आइए जानते हैं कि रिपोर्ट में और क्या बताया गया है।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कमजोर खुदरा मांग के रुझान और डीलरशिप पर उच्च इन्वेंट्री स्तरों के कारण अगस्त 2024 में घरेलू यात्री वाहन उद्योग की मात्रा में अगस्त 2023 की तुलना में कम एकल अंक की गिरावट आई है। वहीं, ट्रैक्टरों की बिक्री में गिरावट के पीछे का कारण भी बताया गया है। यह भी कहा गया है कि आने वाले महीनों में गाड़ियों की बिक्री में रफ्तार देखने के लिए मिलेगी। आइए जानते हैं कि इस रिपोर्ट में क्या-क्या बताया गया है।

PV सेगमेंट की बिक्री में दिखी गिरावट

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रैक्टरों की बिक्री में सुस्ती का मुख्य कारण वर्षा का असमान स्थानिक वितरण है। खासकर उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में। आगामी त्योहारी सीजन भी स्थिति में सुधार करेगा क्योंकि परंपरागत रूप से यह ऑटो बिक्री के लिए चरम अवधि होती है। अगस्त में कमजोर थोक आंकड़े निजी वाहनों (पीवी), वाणिज्यिक वाहनों (सीवी) और ट्रैक्टर मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) द्वारा संचालित थे। अधिकांश कंपनियों की खुदरा बिक्री में एकल अंकों (वर्ष-दर-वर्ष) में गिरावट देखने के लिए मिली है। इतना ही नहीं, अगस्त 2024 में पीवी सेगमेंट में घरेलू थोक बिक्री में साल-दर-साल (वर्ष-दर-वर्ष) कम एकल अंकों की गिरावट आई है।

मारुति सुजुकी की बिक्री में भी हुई गिरावट

महीने के दौरान खुदरा बिक्री में साल-दर-साल आधार पर मध्य एकल अंकों की गिरावट आई। इस सेगमेंट की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (MSIL) ने कुल बिक्री में 4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की, जिसमें घरेलू बिक्री में 5 प्रतिशत की गिरावट शामिल है, लेकिन निर्यात मात्रा में 6 प्रतिशत की वृद्धि से इसकी आंशिक भरपाई हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि MSIL की थोक बाजार हिस्सेदारी साल-दर-साल आधार पर 250 आधार अंकों की गिरावट के साथ लगभग 40.5-4 प्रतिशत होने का अनुमान है।

बाकी कंपनियों का यह रहा हाल

अन्य प्रमुख कंपनियों को भी बिक्री में चुनौतियों का सामना करना पड़ा। टाटा मोटर्स ने पीवी वॉल्यूम में 3 प्रतिशत की वार्षिक गिरावट दर्ज की, जबकि हुंडई मोटर्स ने 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। हालांकि, महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) ने पीवी वॉल्यूम में 16 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ इस प्रवृत्ति को पलट दिया, और टोयोटा इंडिया ने कम वॉल्यूम पर 37 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वार्षिक वृद्धि दर्ज की। किआ और एमजी मोटर्स ने भी बिक्री में उछाल का अनुभव किया।

टू-व्हीलर की इतनी रही बिक्री

दोपहिया (2W) सेगमेंट ने घरेलू थोक वॉल्यूम में उच्च एकल-अंकीय वार्षिक वृद्धि के साथ लचीलापन दिखाया, जो मुख्य रूप से त्योहारी सीज़न से पहले चैनल भरने से प्रेरित था। आंतरिक दहन इंजन (ICE) दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री में साल-दर-साल आधार पर मध्य एकल अंकों की वृद्धि हुई, जबकि इलेक्ट्रिक दोपहिया (EV 2W) की बिक्री में साल-दर-साल आधार पर 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो नए बड़े पैमाने पर EV लॉन्च और आकर्षक छूट के कारण संभव हुआ। प्रमुख खिलाड़ियों में, हीरो मोटोकॉर्प (HMCL) ने वॉल्यूम में साल-दर-साल आधार पर 5 प्रतिशत की वृद्धि देखी, और TVS मो