जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से निराश होकर बीते दिनों भाजपा का दामन छोड़ने वाले एडवोकेट चंद्र मोहन शर्मा ने बुधवार को एक नया राजनीतिक दांव चला। उन्होंने अपने राजनीतिक भविष्य को एक नए मोड़ पर ले जाते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान किया। एडवोकेट चंद्र मोहन शर्मा ने जम्मू पूर्व सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया। उनका यह कदम भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि चंद्र मोहन शर्मा पार्टी के एक वरिष्ठ नेता थे और उनके इस्तीफे से पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है। जम्मू पूर्व सीट पर चुनावी मैदान में उतरने के साथ चंद्र मोहन शर्मा ने एक नया सियासी दांव चला है। चंद्र मोहन शर्मा ने कहा कि वह जम्मू पूर्व सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे, जहां से भाजपा के उम्मीदवार युद्धवीर सेठी भी चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस बात पर विचार करना चाहिए था कि 50 साल पार्टी को समर्पित करने के बाद भी उन्होंने उनकी कद्र नहीं की। उन्होंने जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ने और नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने की बात कही। बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के कारण शुक्रवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता एडवोकेट चंद्र मोहन शर्मा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। चंद्र मोहन शर्मा की पहचान भाजपा के कद्दावर नेता के रूप में होती है। वह लंबे समय से भाजपा के साथ जुड़े हुए थे, वह जनसंघ में भी रहे और जेल भी गए। पार्टी से इस्तीफा देने के दौरान उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा ने सोच-समझकर टिकट का वितरण नहीं क‍िया।चंद्र मोहन शर्मा ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर भाजपा इकाई ने सही उम्मीदवारों की लिस्ट दिल्ली नहीं भेजी है। लिहाजा, वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरेंगे। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, इनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।

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