प्रदेश में वन स्टेट-वन इलेक्शन की संभावनाओं को तलाशने के लिए सरकार कैबिनेट सब कमेटी गठन करने जा रही है। नगरीय निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कैसे हो सकते हैं, इस पर कमेटी अनुशंसा करेगी। कमेटी राजस्थान में एक साथ चुनाव करवाने के रास्ते में आ रही कानूनी बाधाओं का हल तलाशेगी और कानूनविदों की राय के आधार पर सिफारिश देगी। ऐसे में नवम्बर से शुरू होने वाले नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव टलना लगभग तय है। ऐसा होता है तो चुनाव होने तक यहां प्रशासन के हाथ में कमान दे दी जाएगी। हालांकि, विषय विशेषज्ञों के मुताबिक एक साथ चुनाव कराने की राह आसान नहीं है। कई तरह की कानूनी अड़चन सामने आएंगी। वार्ड पुनर्गठन, सीमांकन के लिए स्वायत्त शासन विभाग और पंचायती राज विभाग के लिए अलग-अलग कमेटी बनेगी। जबकि, वन स्टेट-वन इलेक्शन के लिए एक कमेटी का गठन होगा। वन स्टेट-वन इलेक्शन के तहत नगरपालिका और पंचायतीराज अधिनियम में संशोधन होगा। इस संशोधनों को लागू करने के लिए सरकार के पास दो विकल्प हैं। अध्यादेश लाए या फिर विधानसभा का दो दिन विशेष सत्र बुलाए।