कोटा नगर निगम की तरफ से राष्ट्रीय दशहरा मेले का आयोजन करवाया जाता है। जिसके तहत नवरात्र से विभिन्न कार्यक्रम शहर में आयोजित होते रहे हैं। रामलीलाओं का मंचन भी शहर में होता रहा है। कोटा में दशहरा मैदान में निगम की तरफ से मुख्य रामलीला होती है और इसके अलावा 6 जगहों पर रामलीला और रामकथा का आयोजन होता है, जिसमें नगर निगम की तरफ से प्रोत्साहन राशि दी जाती है। लेकिन इस बार मेला समिति ने दशहरा मैदान को छोड़कर बाकी जगह पर रामलीला में निगम की तरफ से करवाने को लेकर इनकार कर दिया है। जिसका अब विरोध शुरू हो गया है। मेला समिति ने यह निर्णय इसलिए लिया कि समिति का मानना है कि अलग अलग जगह रामलीला होने से मुख्य आयोजन में भक्त नहीं पहुंचते और उनकी संख्या बंट जाती है। ऐसे में एक ही जगह रामलीला हो तो वहां भक्तों की संख्या में इजाफा होगा। वहीं इसका विरोध अब कई आयोजनकर्ताओं और कांग्रेस ने भी करना शुरू कर दिया है। महिला कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष राखी गौतम ने संभागीय आयुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन इसे लेकर ज्ञापन भी सौंपा। गौतम ने कहा कि कोटा में दशहरा मैदान के अलावा 6 विभिन्न स्थानों पर रामलीला एवं रामकथा का सुन्दर आयोजन किया जाता था। जिसमे हजारों की संख्या मे भक्तगण आयोजन का लाभ प्राप्त करते थे।गौतम ने कहा कि यह सरकार राम के नाम पर राज मे आई हैं और राज मे आने के बाद राम को भूल गई हैं। कांग्रेस की तरफ स चेतावनी दी गई है कि आठ दिन में अगर नगर निगम व मेला समिति की ओर से रामलीला एवं रामकथा को फिर से शुरू करने का निर्णय नहीं लिया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।