कोटा । उदयपुर-आगरा कैंट के बीच सोमवार से शुरू हुई वंदे भारत ट्रेन के पहले ही दिन वर्किंग विवाद सामने आया है। इसके चलते आगरा और गंगापुर में इंजन में ही चालकों ने एक दूसरे को पीट दिया। इस पटना में चालकों को चोट भी आई है। मामले को लेकर कर्मचारी संगठनों में जबरदस्त आक्रोश है।

कर्मचारियों ने बताया कि इस उदयपुर से अजमेर मंडल का स्टॉफ इस ट्रेन लेकर कोटा पहुंचा था। आगे ट्रेन ले जाने के लिए आगरा का स्टाफ कोटा पहुंचा था। लेकिन गंगापुर के चालको आगरा स्टाफ को यह ट्रेन नहीं चलाने दी। इसके बाद आगरा का स्टाफ इसी ट्रेन में स्पेयर गया। जबकि गंगापुर के चालक ट्रेन को आगरा तक ले गए। यहां गंगापुर के चालकों ने ट्रेन को वापस कोटा तक लाने की कोशिश। लेकिन आगरा में एकत्रित हुए बड़ी संख्या में चालकों ने गंगापुर स्टाफ को ट्रेन का संचालन नहीं करने दिया। आगरा स्टेशन पर गंगापुर स्टाफ के लाइन बॉक्स और बैग इंजन से उतर कर प्लेटफार्म पर फेंक दिए। साथ ही इंजन में घुसकर चालकों से मारपीट भी की। इस झगड़े में गंगापुर के चालक जितेंद्र सिंह चौहान और सह चालक रामकेश मीणा के हाथ और अंगुलियों में चोट भी लग गई। इसके बाद गंगापुर का स्टाफ इसी ट्रेन में स्पेयर बैठकर आए। जबकि आगरा के चालक ट्रेन को गंगापुर लेकर पहुंचे। 

गंगापुर में भी भिड़े 

आगरा में चालकों को पीटने की सूचना पर ट्रेन आने से पहले ही गंगापुर में बड़ी संख्या में कर्मचारी और संगठन के नेता एकत्रित हो गए। जीआरपी और आरपीएफ भी मौके पर पहुंच गई। ट्रेन स्टेशन पर पहुंचते ही कर्मचारियों ने जोरदार हंगामा इंजन में घुसकर कुछ कर्मचारियों ने आगरा के चालकों से हाथापाई भी कर दी और धकेलते हुए इंजन से जबरन बाहर निकाल दिया और इनका सामान भी प्लेटफार्म पर फेंक दिया। इस घटना के चलते ट्रेन गंगापुर में करीब 15 मिनट खड़ी रही। बाद में गंगापुर के चालक इस ट्रेन को लेकर कोटा के लिए रवाना हुए।

घटना के लिए रेलवे जिम्मेदार

 इस घटना के लिए रेलवे पूरी तरह जिम्मेदार है। इस ट्रेन को चलाने के लिए पश्चिम-मध्य रेलवे, उत्तर-पश्चिम और उत्तर रेलवे ने अपने-अपने स्टाफ के लिए आदेश जारी कर रखे हैं। ऐसे में ट्रेन संचालन को लेकर कर्मचारी आपस में भिड़ रहे हैं। 

यह पहला मौका नहीं है जब ट्रेन संचालन को लेकर कर्मचारी आपस में भीड़ रहे हो। इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी अलग-अलग रेलवे द्वारा अपने-अपने स्टाफ के लिए आदेश निकलने से नहीं चूक रहे।

यूनियन संघ ने किया विरोध-प्रदर्शन

वर्किंग विवाद के कारण स्टाफ के पीटने की बात सामने आते ही कोटा में भी कर्मचारी संगठन भी आक्रोशित हो गए। झंडे और बैनर लेकर रेलवे मजदूर संघ और एम्पलाईज यूनियन ने कोटा रेलवे स्टेशन पर जोरदार विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की। यूनियन और संघ ने चेतावनी दी है कि यदि कोटा रेल मंडल को इस ट्रेन की वर्किंग नहीं मिली तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

मूक दर्शक बने अधिकारी 

वंदे भारत जैसी ट्रेन में पहले ही दिन इतनी बड़ी घटना सामने आने के बाद भी मंडल के अधिकारी मूक दर्शक बने हुए हैं। मामले में देर रात तक भी किसी अधिकारी की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई थी।