कोटा पोरवाल वैश्य समाज के कोटा में 2000 से अधिक परिवार हैं, जो उनका पारंपरिक महापर्व रोठ मानते हैं। रोठ पर्व के साथ ही पूजा अर्चना होती है, स्वादिष्ट खीर बनाई जाती है और सभी परिवार आपस में मिलकर प्रसादी स्वरूप स्वीकार कर रोठ पर्व को मानते हैं। इस अवसर पर रोठ स्वामी महाराज की पूजा अर्चना कर अपने परिवार के लोगों की लंबी उम्र की कामना और वर्षो से बाहर रह रहे स्वजन के घर लौटने भी की प्रार्थना की जाती है। पौराणिक कथा व गीत विशेषज्ञ पोरवाल समाज की शकुंतला गुप्ता बड़ौदा बताती हैं कि रोठ पर्व पोरवाल समाज का पारंपरिक पर्व है जो 100 वर्षों से भी अधिक समय से मनाया जाता रहा है। शकुंतला गुप्ता ने बताया कि भादो की चतुर्दशी को रोट पर्व प्रतिवर्ष मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले सुबह उठकर नहा धोकर शुद्ध गेहूं को चक्की में पीसकर उसके आटे से परिवार में सभी सदस्यों के अनुसार रोठ बनाए गए , पति-पत्नी का रोठ जो जोड़ा होता है वह ढाई किलो का बनाया गया । पूजा का रोठ सवा किलो का बनाया गया , जबकि देवी देवताओं को चढ़ाने वाले रोठ की संख्या सात होती है, जबकि छोटी-छोटी रोटियां के समान 10 छोटी रोटियां जिन्हें चांदी रोटी कहा जाता है वह बनाई गई। चार हल्दिया बल्दिया बनाए गए है, उसके बाद रोठ स्वामी की पूजा अर्चना करने के लिए गाय के 

पोरवाल समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष रविंद्र कुमार गुप्ता व हेमेंद्र गुप्ता ने बताया कि इस अवसर पर प्राचीन पौराणिक कथा भी सुनाई जाती है जिसमें यह माना जाता है कि पोरवाल समाज के जो लोग देश विदेश में काम करते हैं, व्यवसाय करते हैं, वह रोठ के दिन अपने घर सुरक्षित पहुंचते हैं। कथा के अनुसार रास्ते में उन्हें सांप डसने लगता है किंतु वह बच जाता है , उनकी रक्षा रोठ स्वामीजी महाराज करते हैं। ऐसी मान्यता है कि हर वर्ष जो भी लोग बाहर कार्य करते हैं वह रोठ के दिन अपने निवास पर पहुंचते हैं और परिवार के साथ रोठ पर्व मनाते हैं। सभी बच्चों , महिला और वृद्धजनों ने इस कथा को सुनने का मजा लिया।

- रोठ पर्व पर बनाए जाते हैं मांडने  

समाज की कृष्णा गुप्ता ने बताया कि सर्वप्रथम घर में मांडने बनाए गए और उन मांडनों पर घर के पुरुष बैठते है, उनकी रोट द्वारा पूजा अर्चना घर की कन्या ने की। यह परंपरा सालों से चली आ रही है जिसको पोरवाल समाज अपने घर में मनाता चला आ रहा है। समाज की वरिष्ठ विमलेश गुप्ता ने बताया इस परंपरा को जीवंत रखने के लिए लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, पूरे भारतवर्ष में रोठ का पर्व रविवार को मनाया गया। कोटा में भी 2000 से अधिक परिवारों ने विधि विधान से रोठ का पर्व मनाया और उत्साह से रोठ स्वामी महाराज की पूजा अर्चना कर घर परिवार में मंगल की कामना की। घर के पुरुष जो बाहर काम करते हैं उनकी लंबी उम्र की कामना की गई, सभी स्वस्थ रहें, तरक्की करें, ऐसी पूजा अर्चना कर रोठ महापर्व मनाया गया। इस दौरान घर की महिलाएं बच्चे पुरूष बुजुर्ग सभी ने सामूहिक रूप से पूजा अर्चना कर रोठ पर्व मनाया।