सरकार ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर के नतीजे जारी किए। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) सालाना आधार पर 6.7 प्रतिशत बढ़ा है। जीडीपी वृद्धि दर का यह आंकड़ा पिछले 15 महीने का सबसे निचला स्तर है। इस ससे पहले जनवरी-मार्च 2023 की तिमाही में वृद्धि दर 6.2% रही थी। आंकड़ों के अनुसार भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर 6.7 प्रतिशत रह गया, एक साल पहले समान तिमाही में यह 8.2 प्रतिशत था। इसका मुख्य कारण कृषि क्षेत्र का खराब प्रदर्शन है। हालांकि, भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है, क्योंकि अप्रैल-जून तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि 4.7 प्रतिशत रही है। कृषि और खनन उद्योगों वाले भारत के प्राथमिक क्षेत्र में सालाना आधार पर 2.7 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 4.2 प्रतिशत थी। इसके अलावा, विनिर्माण और बिजली उद्योगों से युक्त द्वितीयक क्षेत्र ने वार्षिक आधार पर 8.4 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की। वित्त वर्ष 2023 में भारत के द्वितीयक क्षेत्र की वृद्धि दर 5.9 प्रतिशत रही।विनिर्माण में वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में वार्षिक आधार पर 7.0 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, यह संख्या वित्त वर्ष 23 में दर्ज 5.0 प्रतिशत की तुलना में अधिक है। अप्रैल-जून तिमाही के आंकड़े महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह मूल्यांकन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मई में केंद्र में सरकार बनाने के लिए तीसरा कार्यकाल हासिल करने के बाद आया है।