बीजेपी प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल को सचिन पायलट ने नाम लिए बिना विरोधियों का सम्मान करने की नसीहत देते हुए तंज कसा। पायलट ने कहा- राजस्थान तो अतिथि देवो भव: की भूमि है। जो भी आया है, उसका स्वागत है। यहां मोहब्बत का इतिहास रहा है। वाणी में विनम्रता रखनी चाहिए। लोगों को सम्मानपूर्वक संबोधित करना चाहिए। जहां तक राजनीति की बात आ रही है तो उपचुनाव आने वाले हैं, वहां मुकाबला हो जाएगा। सब सामने आ जाएगा।पायलट ने कहा- राजनीति में हमारे विरोधी भी हो सकते हैं। विरोध विचार और सोच का हो सकता है। काम करने के तरीके का हो सकता है। उस पर चर्चा हो, संवाद हो। हमारी बिरादरी के लोग समझते हैं। हमने बड़े से बड़े विरोधी का भी विरोध किया है और डटकर विरोध किया है, लेकिन संयम से किया है। विरोधियों का सम्मान करना, इज्जत देना, संयम और मर्यादा की सीमा को नहीं लांघना, यह हमारी राजनीति का परिचय है।पायलट जयपुर जिले में जमवारामगढ़ के आंधी में सामाजिक कार्यक्रम में बोल रहे थे। पायलट ने कहा- जीवन में समय कभी एक जैसा नहीं रहता। जिन लोगों को सत्ता की चाबी दी जाती है, उनसे उम्मीद की जाती है कि पूरी ताकत जनता की सेवा में लगाएंगे। गरीब का कल्याण करेंगे। आज क्या हालात बन रहे हैं। बच्चियों से रेप हो रहा है। विकास की केवल घोषणा हो रही है।पायलट ने कहा- सरकार में इतना झगड़ा है कि कौन मंत्री है, कौन नहीं है। हमारे वरिष्ठ नेता डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा के बारे में एक पत्रकार ने पूछा कि उन्होंने इस्तीफा वापस नहीं लिया। यह मसला मेरा नहीं, भाजपा का है। वो इससे निपटेंगे। मैंने भाजपा नेताओं को सलाह दी कि सच्चे मन से मनाओगे तो डॉक्टर साहब मान जाएंगे। आधे मन से मनाआगे तो नहीं मानेंगे। BJP ने सच्चे मन से नहीं मनाया।सचिन पायलट ने कहा- राजनीति में अलग-अलग विचारधारा और अलग-अलग बैकग्राउंड से लोग आते हैं। हमारा अंतिम उद्देश्य क्या है। हम में से जनता की बेहतर सेवा कौन कर सकता है? हमारा कोई आपसे झगड़ा नहीं है। कोई व्यक्तिगत झगड़ा नहीं है। हम तो विचारधारा के माध्यम से, घोषणा पत्र के माध्यम से, सोच के अंतर से जनता से निवेदन करते हैं। आप हमको वोट दो, हम बेहतर कर सकते हैं। जो प्रतिस्पर्धा है वह जनता की कसौटी पर खरा उतरने की है।