नन्हे-मुन्नों की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारों की लापरवाही!

- रेलवे कॉलोनी में सड़कों को खुदाई के बाद यूं ही छोड़ देने से बने कीचड़ में आए-दिन फंसती रहती हैं स्कूल बसें

आबूरोड (सिरोही)। इसे क्या कहा जाए, जिम्मेदारों की लापरवाही या फिर बेलगामी। बात है आबूरोड की रेलवे कॉलोनी की, जहां एलएंडटी ने सड़कों की खुदाई मानसून के दस्तक देने के पहले करवाई थी। बाद में उन्हें दुरुस्त करवाना था। पर, एलएंडटी के जिम्मेदारों ने लापरवाही का नमूना पेश करते हुए इन सड़कों को बिना दुरुस्त करवाए यूं ही छोड़ दिया। नतीजा यह निकला कि मानसून की दस्तक के साथ ही पूरी रेलवे कॉलोनी में कीचड़ का साम्राज्य स्थापित हो गया, जो आज भी बरकरार है। कीचड़ के साम्राज्य से रेलवे कॉलोनी के वाशिन्दों की दिक्कत तो बढ़ ही गई है, स्कूली बच्चों व बड़े-बुजुर्गों के लिए भारी परेशानी पैदा हो गई है। दरअसल कीचड़ बनने से स्कूली बसें अक्सर इस कीचड़ में स्लीप होकर फंसती रहती है। ऐसी सूरत में बसों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। नन्हे-मुन्नों बच्चों की जान को भी जोखिम पैदा हो सकता है। होना तो यह चाहिए कि पालिका प्रशासन और रेलवे प्रशासन को भी इसमें दिलचस्पी लेकर सम्बंधित जिम्मेदारों को तत्काल कीचड़ की समस्या से निजात दिलाने की ताकीद करनी चाहिए। पर, कोई किसी को कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। अभी तो मानसून एक-डेढ़ माह का शेष है, इतने दिनों में यदि कोई हादसा हो गया तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। यह एक यक्ष प्रश्न है।