दिल्‍ली-हावड़ा मुख्‍य रेल लाइन पर दानापुर रेल मंडल के रघुनाथपुर स्‍टेशन का नाम बदलने की कोशिशों का विरोध शुरू हो गया है। इस स्‍टेशन का नाम बदलने का प्रस्‍ताव बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया था।उनकी घोषणा पर राज्‍य सरकार ने रेलवे को प्रस्‍ताव भेजा था, जिस पर रेलवे बोर्ड ने अनापत्ति प्रमाणपत्र दे दिया है। स्‍थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस रेलवे स्‍टेशन का नाम भगवान राम से जुड़ा हुआ है। इसे बदलने की कोशिश का विरोध किया जाएगा।

17 अगस्‍त को स्‍थानीय ग्रामीण देंगे धरना

स्थानीय अंचल के प्रसिद्ध रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन का नाम मुख्यमंत्री द्वारा बदले जाने की घोषणा करने के बाद वहां के ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है और 17 अगस्त को इसके विरोध में धरना देने का निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले के विरुद्ध ग्रामीणों ने बकायदा ग्राम रक्षा समिति का गठन कर रघुनाथपुर में एक आवश्यक बैठक की। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष सर्वेश सिंह ने की। उन्‍होंने कहा कि भगवान राम के नाम पर बने स्‍टेशन से किसी को क्‍या दिक्‍कत है? इस स्‍टेशन से भगवान ब्रह्मेश्‍वर नाथ का मंद‍िर नजदीक है। भगवान राम और भगवान शिव के इस आध्‍यात्‍म‍िक और सांस्‍कृ‍तिक मिलन को मिटाने की साज‍िश रची जा रही है।

तुलसीदास से जुड़ता है गांव का नामकरण

ग्रामीणों का कहना है कि रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन का नाम बदले जाने से पहले मुख्यमंत्री द्वारा ग्रामीणों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया। सच्चाई यह है कि इस गांव का नामकरण गोस्वामी तुलसीदास ने अपने आराध्य प्रभु श्री राम के नाम पर रघुनाथपुर किया था। इससे पहले इस गांव का नाम बेला पतवत था। संत गोस्वामी तुलसीदास रघुनाथपुर में कई बार आए हैं और यहां पर उन्होंने रामचरितमानस की कई चौपाइयां भी लिखी है। तब संत ने ग्रामीणों से विचार विमर्श करने के बाद इस गांव का नामकरण रघुनाथपुर किया था।

रेलवे अधिकारी को भी दे दी गई है सूचना

रघुनाथपुर एक ऐतिहासिक और पौराणिक नगर है। आज भी तुलसी आश्रम आस्था का केंद्र है। इस बैठक में 17 अगस्त को रघुनाथपुर में धरना देने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया और स्टेशन प्रबंधक सहित अन्य अधिकारियों को इसकी सूचना भी दे दी गई। बैठक में शैलेश कुमार ओझा, प्रभु मिश्रा, शकील अहमद, मोहम्मद मुस्तफा, जय शंकर चौधरी, रवि सिंह, विशाल सिंह, शिवजी पासवान, दशरथ प्रसाद आदि लोग शामिल थे।

21 अगस्त को मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा

ब्रह्मपुर के प्रसिद्ध बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के विकास के लिए मुख्यमंत्री ने 21 जुलाई को लगभग नौ करोड़ों रुपए की विकास योजनाओं का आनलाइन शिलान्यास करते समय रघुनाथपुर का नाम बदलकर ब्रह्मेश्वर नाथ स्टेशन करने की घोषणा की थी। इसके बाद सरकार द्वारा आगे की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई। इस घोषणा के बाद मुख्यमंत्री ने रेल मंत्रालय को इसका प्रस्ताव भी भेज दिया। नाम बदले जाने को लेकर रेल मंत्रालय द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया। सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई और अंततोगत्वा रघुनाथपुर के ग्रामीण इस फैसले के विरुद्ध खुलकर सामने आ गए।