जब आप प्रेग्नेंसी के बारे में सोचते हैं, तो हेल्थ एक्सपर्ट सबसे पहले आपको अपनी ओवरऑल हेल्थ पर ध्यान देने की सलाह देते हैं। इससे प्रेग्नेंसी के दौरान कई तरह की दिक्कतों का खतरा कम हो जाता है, और मां के साथ होने वाला बच्चा भी स्वस्थ रहता है। बात जब सेहत की होती है, तो मुंह की सेहत यानि ओरल हेल्थ पर ध्यान ही नहीं जाता और यहीं सबसे बड़ी गलती हो जाती है।
मसूड़ों और दातों से जुड़ी प्रॉब्लम कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं की ओर भी इशारा करते हैं, जिसमें रिप्रोडक्टिव हेल्थ भी शामिल है। गर्भावस्था के दौरान मुंह की खराब सेहत से जेस्टेशनल डायबिटीज, प्रीक्लेम्पसिया, प्रीमैच्योर डिलीवरी और जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना जैसे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसका मतलब दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखना आपके और आपके होने वाले बच्चे दोनों की सेहत के लिए जरूरी है।
ओरल हेल्थ का फर्टिलिटी पर असर
नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, इंदिरापुरम की फर्टिलिटी एक्सपर्ट, डॉ. नेहा त्रिपाठी बताती हैं कि, 'मुंह की सेहत महिलाओं के गर्भधारण की अवधि को प्रभावित कर सकती है। पुरुषों में मसूड़ों के रोग और दांतों के गिरने की समस्या सीमन और स्पर्म की खराब सेहत से जुड़ी है। कई शोध इस बात को लेकर किए गए हैं कि किस तरह मसूड़ों के रोग (पेरियोडोंटल डिजीज के रूप में भी जाना जाता है) प्रजनन को प्रभावित करते हैं। ऐसा उस स्थिति में होता है जब इस रोग की वजह से हुए बैक्टीरियल इन्फेक्शन के खिलाफ शरीर का इम्यून सिस्टम लड़ता है। जब शरीर ऐसे संक्रमण से लड़ता है, तो सूजन काफी बढ़ जाती है। ऐसे में स्वस्थ कोशिकाएं भी डैमेज होने लगती हैं, जिसमें नई बन रही स्पर्म कोशिकाएं भी शामिल होती हैं। वहीं महिलाओं में सूजन की वजह से गर्भपात, बांझपन या आईवीएफ के असफल होने का खतरा बढ़ सकता है।
मसूड़ों का रोग पेरियोडोंटल का संबंध कई सारी स्वास्थ्य समस्याओं से भी है जैसे दिल की बीमारी, डायबिटीज, श्वसन संबंधी रोग और स्ट्रोक। इसके साथ ही पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) और एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं के साथ-साथ इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या से ग्रसित पुरुषों को आम लोगों की तुलना में पेरियोडोंटल रोगों का खतरा ज्यादा रहता है। इसके साथ ही रिसर्च में यह पाया गया है कि मुंह की खराब सेहत का संबंध बैक्टीरियोस्परमिया (एक प्रकार का बैक्टीरियल इन्फेक्शन है) के बढ़े हुए खतरे के साथ है। यह पुरुषों में बांझपन की समस्या पैदा करने वाली वजहों में से एक है। इसके साथ ही, लो स्पर्म काउंट, स्पर्म की गति का कम होना, असामान्य स्पर्म मोर्फोलॉजी का संबंध मुंह तथा दांतों की कई सारी समस्याओं से है। भले ही इरेक्टाइल डिस्फंक्शन पुरुषों के बांझपन का एक सामान्य लक्षण नहीं है, लेकिन जिन लोगों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या होती है, उनमें मसूड़ों के रोग पाए जाते हैं।
क्या करें
- मसूड़े और मुंह की सेहत बनाए रखने के लिए दांतों की नियमित रूप से साफ-सफाई बेहद जरूरी है।
- इसके अलावा समय-समय पर डेंटल चेकअप भी करवाते रहें, इससे भी समय रहते कई समस्याओं का पता लग जाता है। फैमिली प्लानिंग कर रहे कपल्स को शराब और सिगरेट अवॉयड करना चाहिए।
- साथ ही अपने वजन पर नियंत्रण रखें, नियमित रूप से व्यायाम करें, हेल्दी डाइट लें।
- तनाव से दूर रहें।