सोमवार को भगवान श्री कृष्ण ने बादलों की तेज गडगडाहट व आकाशीय बिजली व बरसात के बीच जन्म लिया। श्री कृष्ण जन्माष्ठमी के आयोजन को लेकर शहर की इन्दिरा कॉलोनी स्थित श्याम मंदिर, कृषि उपज मंडी में स्थित श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर, चारभुजानाथ मंदिर, राधा दामोदर मंदिर, श्री राम-लक्ष्मण बडी का मंदिर, श्री चिंताहरण गणेश मंदिर, श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर, दर्जियों का मंदिर, सुनारों का मंदिर व नृसिंहजी के मंदिर सहित शहर व ग्रामीण क्षेत्र के सभी मंदिरों में जोर-शोर से कई धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। श्याम मंदिर को विशेष विद्युत लाईटों से सजाया गया तथा मुख्य सडक मार्ग पर विशाल स्वागत द्वार बनाए गए। मन्दिर प्रांगण को वृन्दावन के प्रेम मन्दिर की तरह सजाया गया है। इस दौरान भव्य लाइटिंग, सजीव झांकियां, वृन्दावन रास, आतिशबाजी, पुष्प वर्षा व इत्र वर्षा की गई। कृष्ण जन्माष्ठमी महोत्सव पर रात्रि भजन संध्या सहित कई अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। रवि अग्रवाल ने बताया कि कृष्ण जन्माष्ठमी महोत्सव को लेकर श्याम मंदिर में दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं के लिए बेरीकेट लगाकर व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि कलकत्ता से आए कलाकारों द्वारा बाबा का श्रृंगार किया गया। अद्र्ध रात्रि को भगवान के जन्म के बाद मंदिर परिसर के बाहर भव्य आतिशबाजी की गई। इसी प्रकार कृषि उपज मंडी में स्थित भगवान श्री लक्ष्मीनारायण का पुष्पों से श्रृंगार कर अलौकिक झांकी सजाई गई। इस अवसर पर आयोजित भजन संध्या में गायक कलाकार राजू खण्डेलवाल सहित कई स्थानीय गायक कलाकारों द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां दी। जन्माष्ठमी पर्व पर कृषि मंडी में कई सजीव झांकियां सजाई गई। झांकियों को देखने के लिए पूरा शहर उमड पडा।

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