मेनिया या उन्माद एक गंभीर मानसिक बीमारी है जिसके कारण व्यक्ति का मूड, ऊर्जा या व्यवहार बहुत बढ़ जाता है जो दूसरों को भी नजर आता है। इस बारे में जानकारी न होने की वजह से इसे देवी - देवताओं का प्रकोप भी समझ लिया जाता है तथा इलाज में देरी हो जाती है जिससे बीमारी और बढ़ जाती है। यह बात अफिनिटी हॉस्पिटल की ओर से जन जागृति अभियान के दौरान डॉ. नीना विजयवर्गीय, मनोचिकित्सक एवं काउंसलर, एमबीबीएस, डीपीएम (साइकेट्री), एमआईपीएस, ने कही। इसी विषय को ध्यान में रखते हुए अफिनिटी हॉस्पिटल, तलवंडी चौराहा द्वारा रविवार को आमजन के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में मेनिया, इसके लक्षण, इसके कारण व निदान, इससे जुड़ी भ्रांतियां व तथ्य, इसके प्रभाव को कम करने, इससे बचाव, उपचार के उपाय आदि के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। उन्होंने बताया कि अस्पताल में विषेशज्ञों की एक टीम लोगों के मानसिक स्वास्थ्य सुधार के लिए निरंतर कार्य कर रही है और सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को मोटिवेट कर रही है।

- मेनिया के मानसिक एवं शारीरिक प्रभाव

मेनिया के मरीज में बहुत से मानसिक और शारीरिक बदलाव देखने को मिलते हैं। ऐसे मरीज बिना किसी कारण खुश रहने लगते हैं, शारीरिक रूप से बहुत सक्रिय हो जाते हैं, बहुत अधिक, बहकी-बहकी व बड़ी-बड़ी बातें करने लगते हैं, बहुत खर्चा करने लगते हैं, कुछ लोग आक्रामक हो जाते हैं और काबू से बाहर हो जाते हैं आदि। इन बदलावों को देखकर लोगों को लगता है कि मरीज पर किसी भूतझ्रप्रेत का साया है, ऊपरी हवा या देवी-देवताओं का प्रकोप है और उनका समय रहते ईलाज करने के बजाय देवी-देवताओं के पास ले जाया जाता है। इस वजह से परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है और भर्ती कराने की जरूरत भी पड़ सकती है।

साथ ही डॉ. नीना ने बताया कि वर्तमान परिवेश में बढ़ते तनाव के कारण लोगों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां बढ़ती जा रही हैं और इससे विभिन्न शारीरिक एवं मानसिक बीमारियां होने लगी हैं। लेकिन जानकारी न होने की वजह से और समाज के डर के कारण लोग मनोचिकित्सक के पास जाना पसंद नहीं करते हैं। इसी समस्या को देखते हुए अफिनिटी हॉस्पिटल द्वारा एक टोल फ्री नंबर (18008906996) जारी किया गया है, जिसके द्वारा लोग अपनी मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को समझ सकते हैं और एक मनोरोग विशेषज्ञ की मदद से इन समस्याओं को हल भी कर सकते हैं, साथ ही उनकी पहचान भी गुप्त रखी जाती है। यह नंबर हर समय (24 घंटे) चालू रहता है और अधिक संख्या में लोग इसका लाभ उठा सकते हैं।