शिकायत के बाद पीबीएम पहुंची टीम खंगाल रही फाइलें, 150 करोड़ से अधिक वित्तीय अनियमितताओं का है आरोप
बीकानेर(सुरेश जैन)
सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज और पीबीएम हॉस्पिटल में करीब 150 करोड़ रुपए से अधिक वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत की जांच के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गुरुवार को यहां पहुंची। टीम ने आरोपों से संबंधित फाइलें कब्जे में ली हैं और यह जांच शुक्रवार को भी जारी रही । इसे लेकर पीबीएम प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है ।जानकारी तो यह भी सामने आ रही है कि कुछ लोगों ने इस टीम को देखकर फाइलें में भी इधर-उधर करनी शुरू कर दी और कुछ जो वास्तिविक फाइलें इस टीम को प्राप्त करनी थी, उन फाइलों को कुछ लोगों ने आगे आने ही नहीं दिया। कुल-मिलाकर फिलहाल पीबीएम प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। इस संबंध में हमने जब पीबीएम अधीक्षक से जानकारी चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
दरअसल, पीबीएम हेल्प कमेटी ने पीबीएम हॉस्पिटल में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत पिछले दिनों मुख्यमंत्री से की थी। सीएमओ के निर्देश पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रासिंह ने उपनिदेशक खेमाराम यादव के नेतृत्व में जांच टीम को बीकानेर भेजा है। टीम में वरिष्ठ लेखाधिकारी संजय प्रतिहार और सहायक लेखाधिकार सूरजमल भी शामिल है। टीम ने हॉस्पिटल में पहुंचकर लेखा शाखा से 2019 से लेकर अब तक हुई दवाओं और उपकरणों की खरीद, सफाई, मैन पावर, एमआरआई मशीन, लिनियर एस्सीलेटर लगाने से संबंधित सभी टेंडरों की फाइलें मंगवाई हैं। मुख्य लेखाधिकारी विजयशंकर गहलोत से प्रत्येक बिन्दु पर पूछताछ की। तत्कालीन सहायक लेखाधिकारी दीनदयाल खडग़ावत के संबंध में भी जानकारी ली। टीम ने खास तौर पर एसएसबी में एमआरआई मशीन को ठेके पर देने से संबंधित दस्तावेजों की गहराई से पड़ताल की है।
आरोप है कि यह मशीन बिना टेंडर एसएसबी में स्थापित की गई है। दरअसल, मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की बैठक में प्रस्ताव लेकर मेडिकेयर सर्विसेज कंपनी को ही एसएसबी में एमआरआई मशीन लगाने की अनुमति दी गई थी। यह फर्म 14 साल से पीबीएम हॉस्पिटल में महाराजा एमआरआई-सिटी स्कैन सेंटर चला रही है। ट्रॉमा सेंटर में भी फर्म ने सिटी स्कैन मशीन लगा रखी है। इसी प्रकार कैंसर की जांच में काम आने वाली लिनियर एस्सीलेटर मशीन भी बिना टेंडर खरीदने के आरोप हैं। टीम ने उसके दस्तावेज भी मांगे है। डॉक्टर्स पर घर पर मरीज देखने और दवा की दुकानें संचालित करने का भी आरोप है। इस संबंध में दल ने प्रेक्टिस उलाउंस उठाने और नहीं उठाने वाले डॉक्र्स की लिस्ट मांगी है। पीबीएम हेल्प कमेटी के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह राजपुरोहित और संयोजक एडवोकेट बजरंग छींपा ने मुख्यमंत्री और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव को ज्ञापन देकर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य, पीबीएम अधीक्षक, एक डॉक्टर और कर्मचारी के विरुद्ध जांच की मांग की थी। इस संबंध में लोकायुक्त में भी परिवाद दर्ज
है।