एससी-एसटी आरक्षण को लेकर कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने दौसा में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा- जो लोग आरक्षण के फायदे की मलाई खाकर बड़ी नौकरियों-पदों पर पहुंच चुके, वे नहीं चाहते कि अपने ही समाज के वंचित भाइयों को भी आरक्षण का लाभ मिले। इस बात को अभी नीचे का व्यक्ति नहीं समझ पा रहा।डॉ. किरोड़ी लाल मीणा गुरुवार को दौसा के सोमनाथ औद्योगिक एरिया में एक होटल में हुई भाजपा पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं के वन-टू-वन संवाद के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने क्रीमीलेयर पर निजी विचार साझा किए। किरोड़ी लाल मीणा ने कहा- जो मलाई खा चुके वो नहीं चाहते कि मलाई का बंटवारा गरीब एससी-एससी के दूसरे भाई को मिले। मलाई हम ही खाते रहें। हम ही आईएएस-आईपीएस-डॉक्टर-इंजीनियर एमपी-एमएलए और मंत्री बनें।नीचे का आदमी यह समझ नहीं पा रहा है। ये लोग (विपक्ष) भाले-भाले लोगों को सड़क पर उतार कर हिंसा फैलाना चाहते हैं। इनका उद्देश्य बांग्लादेश जैसी स्थिति बनाना है। ये आतुर हैं कि कैसे गद्दी पर पहुंचें। इन्होंने देश के लिए कुछ नहीं किया, जो कुछ किया अपने लिए किया।डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर तंज कसा। कहा- राहुल गांधी एक गांव में गए। वहां एक छोटी सी बच्ची से उन्होंने पूछा- क्या बनोगी। बच्ची ने कहा- डॉक्टर बनूंगी। तब राहुल गांधी ने पूछा- न्यूरोलॉजिस्ट बनोगी या कार्डियालॉजिस्ट? वो छोटी बच्ची क्या समझेगी कि न्यूरोलॉजिस्ट क्या है और कार्डियालॉजिस्ट क्या होता है।ऐसा व्यक्ति कुर्सी के लिए दौड़ रहा है। एक व्यक्ति (पीएम मोदी) देश को मजबूत बनाने के लिए यूक्रेन गया है। जो देश को विश्व पटल पर मजबूत कर रहा है। उसे ये लोग गिराना चाहते हैं। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा- मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं। दौसा में मीणा पंचायत हुई तो लोगों के बीच जाकर कहा था कि आरक्षण के मुद्दे पर मैं आपके साथ हूं। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला नहीं दिया है, वर्जन दिया है, सलाह दी है केंद्र सरकार को। ये निर्देश नहीं है।सभी बड़े एमपी ने कहा कि क्रीमीलेयर लागू नहीं होना चाहिए, वर्गीकरण नहीं होना चाहिए। तो पीएम ने कैबिनेट मीटिंग बुलाकर बता दिया कि आरक्षण से छेड़खानी नहीं की जाएगी। मैं मीणा हाईकोर्ट में कह चुका हूं कि आरक्षण से कोई खेड़खानी नहीं होगी। होगी तो मैं तैयार हूं। पहले भी तैयार था।विपक्ष के लोग सड़कों पर राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए उतर रहे हैं। जब सरकार ने कह दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने ऑब्जर्वेशन दिया है, जो रूटीन में देता रहता है, इस पर सरकार गौर करे ये जरूरी नहीं तो बात ही खत्म।