भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को राजस्थान से राज्यसभा भेजने का औपचारिक ऐलान कर दिया है. आज यानी 21 अगस्त को वे राजस्थान में होने वाले राज्यसभा उपचुनाव  के लिए अपना नामांकन दाखिल करने वाले हैं. इस वक्त वे जयपुर में हैं और उन्होंने मीडिया से बातचीत में बड़ा बयान भी दिया है. केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ बीजेपी के सभी कैबिनेट मंत्री और विधायकों को आभारी हूं कि उन्होंने मुझे ये मौका दिया. पंजाब और हरियाणा हमेशा देश के दुश्मनों पर कड़ी निगरानी रखते हैं और उन्हें सिर उठाने नहीं देते. यह वीरों की भूमि है. उन्होंने मुझे यह अवसर दिया है, मैं सदैव उनका ऋणी रहूंगा. राजस्थान ने मुझे जो आशीर्वाद दिया, उसके बारे में बोलने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यदि आप मुझे राजस्थान से राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने का अवसर देंगे तो मैं भाजपा और राजस्थान की 'सफेद चादर' पर कोई दाग नहीं लगने दूंगा.' केसी वेणुगोपाल के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद खाली हुई राजस्थान की राज्यसभा सीट पर इस बार कांग्रेस अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका खुलासा किया. उन्होंने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी के पास इस बार यह सीट जीतने के लिए पर्याप्त बहुमत है. इसलिए कांग्रेस अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी.' ऐसे में रवनीत सिंह बिट्टू का निर्विरोध जीतना तय माना जा रहा है. आपको बता दें कि इससे पहले इसी साल अप्रैल में हुए चुनाव में कांग्रेस ने सोनिया गांधी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया था. राजस्थान में राज्यसभा की कुल 10 सीटें हैं. वर्तमान में 4 सीटों पर बीजेपी और 5 पर कांग्रेस के सदस्य हैं. 1 सीट खाली है, जिसे भरने के लिए उपचुनाव का ऐलान हो चुका है. कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारने से इनकार कर चुकी है. ऐसे में बीजेपी उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्टू निर्विरोध जीत जाएंगे. इसके बाद राजस्थान में दोनों पार्टी का पलड़ा बराबर हो जाएगा. सियासी जानकारों की मानें तो बिट्टू कांग्रेस से तीन बार लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं. पार्टी में उनकी पकड़ बहुत मजबूत मानी जाती रही है. मगर, लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली. लेकिन आज भी राजस्थान में कांग्रेस उनका विरोध नहीं कर रही है.