चंद्रयान-3 के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 मिशन की तैयारी कर रहा है। इन दोनों मिशनों की डिजाइन तैयार हो चुकी है और इसरो सरकार से परियोजना की मंजूरी हासिल करने की प्रक्रिया में है। इसरो अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने मंगलवार को कहा कि चंद्रमा पर शृंखलाबद्ध मिशन भेजने की योजना है। चंद्रयान-3 मिशन में शानदार सफलता मिली और वह मिशन पूरा हो चुका है। अब, चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 की डिजाइन तैयार कर ली गई है। भारत सरकार से इन परियोजनाओं की मंजूरी हासिल करनी होगी। इसकी प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-4 मिशन में चंद्रमा की सतह से नमूने लाए जाएंगे। भारतीय यान चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ड लैंडिंग करने के बाद नमूने इकट्ठा करेगा। चंद्रमा की धूल या चट्टानी नमूने लेने के बाद यान को चंद्रमा की सतह से लांच कर चंद्रमा की कक्षा में लाया जाएगा। चंद्रमा की कक्षा में डॉकिंग होगी और आर्बिटल मॉड्यूल से जुडक़र वह पुन: धरती की ओर प्रस्थान करेगा। इसरो अध्यक्ष ने अगले पांच साल में 70 मिशन लाॅन्च करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न मंत्रालयों की जरूरत के मुताबिक धरती की निचली कक्षा में उपग्रहों की शृंखला स्थापित करेगा। शुक्र मिशन फिलहाल प्राथमिकता में नहीं है। इसरो अध्यक्ष ने कहा कि गगनयान मिशन के दौरान निरंतर संपर्क कायम रखने के लिए डाटा रिले उपग्रहों के प्रक्षेपण की भी तैयारी चल रही है। इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए जीसैट शृंखला के हाई थ्रोपुट उपग्रह का प्रक्षेपण स्पेसएक्स के फाल्कन रॉकेट से किया जाएगा। इसकी तैयारी भी हो रही है। जल्द ही उपग्रह अमरीका भेजा जाएगा। अगले पांच साल में भू-अवलोकन उपग्रहों की एक शृंखला भी लाॅन्च होगी। उन्होंने कहा कि शुक्र मिशन फिलहाल प्राथमिकता में नहीं है। शुक्र मिशन का फिर से मूल्यांकन हो रहा है। गगनयान मिशन पर अपडेट देते हुए उन्होंने कहा कि पहला मानव रहित मिशन दिसम्बर तक लांच होने की उम्मीद है। क्रू मॉड्यूल का तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में और सर्विस मॉड्यूल का बेंगलूरु स्थित यूआर राव उपग्रह केंद्र में इंटीग्रेशन हो रहा है। क्रू एस्केप सिस्टम सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा पहुंच चुका है। रॉकेट के चरण भी एक-एक कर श्रीहरिकोटा पहुंच रहे हैं जहां अंतिम परीक्षण और इंटीग्रेशन होगा। उम्मीद है कि मिशन दिसम्बर तक लाॅन्च होगा।