48 घण्टे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भीमलत झरने में फिसले युवक का मिला शव
कुंड की गहराई में चट्टानों में फंसा हुआ था युवक का शव, सोमवार सुबह गोताखोरों ने निकाला शव
बून्दी। जिले के पिकनिक स्पॉट भीमलत महादेव के झरने में दो दिन पहले सेल्फी लेते समय 150 फिट की ऊँचाई से नीचे गिरे युवक के शव को सोमवार सुबह करीब 48 घण्टे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद कुंड से बाहर निकाल लिया गया। शनिवार से ही एसडीआरएफ और पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चला कर कुंड के पानी में युवक की तलाश कर रही थी। गौरतलब हैं कि मंगाल पंचायत के लाखा की झोपड़ियां निवासी दीपू मीणा शनिवार सुबह दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए भीमलत महादेव आया था, जहां झरने के ऊपर से सेल्फी लेते समय अचानक पैर फिसलने से 150 फिट नीचें कुंड में गिर गया था।
बून्दी। जिले के पिकनिक स्पॉट भीमलत महादेव के झरने में दो दिन पहले सेल्फी लेते समय 150 फिट की ऊँचाई से नीचे गिरे युवक के शव को सोमवार सुबह करीब 48 घण्टे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद कुंड से बाहर निकाल लिया गया। शनिवार से ही एसडीआरएफ और पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चला कर कुंड के पानी में युवक की तलाश कर रही थी। गौरतलब हैं कि मंगाल पंचायत के लाखा की झोपड़ियां निवासी दीपू मीणा शनिवार सुबह दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए भीमलत महादेव आया था, जहां झरने के ऊपर से सेल्फी लेते समय अचानक पैर फिसलने से 150 फिट नीचें कुंड में गिर गया था।
रेस्क्यू ऑपरेशन के 48 घण्टे बाद मिली सफलता
सदर थानाधिकारी भगवान सहाय मीणा ने बताया कि भीमलत झरने से किसी युवक के नीचे कुंड में गिरने की सूचना पर मिली थी। मौके पर पहुंची पुलिस को जांच के दौरान झरने के ऊपर एक बैग, मोबाइल, गाड़ी की चाबी, जूते सहित एक बैग में मिले दस्तावेज मिले थे। बैग में मिले एक फार्म के आधार पर युवक की पहचान मंगाल पंचायत के लाखा की झोपड़ियां निवासी दीपू कुमार मीणा पुत्र बिरधी लाल मीणा के रूप में की गई थी। इन्होंने बताया कि युवक की तलाश के लिए 2 दिन से एसडीआरएफ और पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चला रखा था। शनिवार दोपहर और रविवार के पूरे दिन तक रेस्क्यू टीम को शव नहीं मिला था। हालांकि सोमवार सुबह गोताखोरों ने नीचे चट्टानों में फंसे शव को बाहर निकाला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। जहां परिजनों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।
पानी के दबाव से आ रही थी ऑपरेशन में दिक्कत
एसडीआरएफ प्रभारी गोपाल सिंह ने बताया कि युवक के कुंड में गिरने की सूचना के बाद ही वह टीम के साथ मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया था। लेकिन झरने से गिर रहे पानी के तेज बहाव के कारण कुंड में गोताखोरों को परेशानी हो रही थी। कुंड के अंदर गोताखोरों को पानी का दबाव वापस ऊपर की ओर धकेल रहा था। सोमवार सुबह झरने का बहाव कम कम होने से गोताखोरों को कुंड की गहराई में जाने का मौका मिला, जहां चट्टानों में फंसे शव को बाहर निकाल लिया गया।
घर में पसरा मातम
घटना स्थल पर पिछले दो दिनों से युवक के सकुशल निकलने की कामना कर रहे परिजनों की कुंड से शव निकालने के दौरान आंखें नम हो गई। शव मिलने की सूचना मिलते ही मृतक के घर पर मातम पसर गया, वहां मौजूद परिजनों और रिश्तेदारों की रुलाई फूट पड़ी।