आनंदी राम खटीक ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से इस्तीफा दे दिया. जयपुर में कांग्रेस नेता सचिन पायलट से मुलाकात करने के बाद फैसला लिया. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से आनन्दी राम खटीक ने इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस से टिकट कटने से नाराज थे. आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल से मुलाकात कर पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. RLP के टिकट पर चुनावी मैदान में ताल ठोकी थी. आनन्दी राम खटीक 2018 के विधानसभा चुनाव से पूर्व ही कपासन विधानसभा क्षेत्र में कई दौरे किए. साल 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा. हालांकि, चुनावी नतीजों में आनन्दी राम खटीक भाजपा उम्मीदवार अर्जुन लाल जीनगर से करीब 7 हज़ार मतों से हार गए थे. उस समय RLP से चुनाव लड़े. शांति लाल को करीब 27 हज़ार वोट मिले थे. साल 2018 के चुनाव हारने के बाद भी आनन्दी राम कपासन क्षेत्र में सक्रिय रहे. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में गुटबाजी के चलते आनन्दी का कांग्रेस ने टिकट काट दिया गया. उनकी जगह पूर्व विधायक शंकर लाल बैरवा को टिकट दिया गया. कांग्रेस से टिकट कटने के बाद आनन्दी राम ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दिया. रातों रात आरएलपी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल से मुलाकात कर RLP की सदस्यता ग्रहण की. कपासन विधानसभा से RLP से चुनाव लड़ा. कांग्रेस के बागी होने के चलते आनन्दी राम को कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था. साल 2023 के विधानसभा चुनावी नतीजों में उन्हें 29 हजार से अधिक मत मिले थे. कांग्रेस में गुटबाजी के चलते कपासन सीट पर पूर्व विधायक शंकर लाल बैरवा को हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस उम्मीदवार बैरवा 21 हजार से अधिक मतों से भाजपा उम्मीदवार अर्जुन लाल जीनगर से हार गए. यहां आरएलपी के आनदी राम खटीक तीसरे स्थान पर रहे. लोकसभा चुनाव के दौरान ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि आनन्दी राम खटीक कांग्रेस में जा सकते हैं. सचिन पायलट खेमें से आनन्दी राम को जाना जाता है. जयपुर में सचिन पायलट से मुलाकात की और RLP सुप्रीमो को अपना इस्तीफा भेज दिया. पायलट से मुलाकात के दौरान विधायक मुकेश भाकर, पूर्व विधायक सुशील पारीक और वेद प्रकाश सोलंकी मौजूद थे. आनन्दी राम खटीक पूर्व में एनएसयूआई चित्तौड़गढ़ और युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे हैं. सचिन पायलट के पीसीसी अध्यक्ष रहते आनंदी राम को पीसीसी और एआईसीसी सदस्य बनाया गया