मरने के बाद गौशालाओ मे गोवंश की हो रही बेकद्री, फेंक रहे टनल के पास
बून्दी। गोवंशों की मौत हो जाने के बाद हो रही बेकद्री को लेकर शुक्रवार को गोपाल गो सेवा संस्थान के प्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर से मुलाकात कर मृत गोवंश का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करने की मांग की है।
गोपाल गो सेवा संस्थान के सचिव गिरिराज गुप्ता ने बताया कि गौशालाओ के प्रावधान के अनुसार गौशालाओ मे मृत गोवंश का निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से होना चाहिए जबकि गौशालाओ द्वारा मृत गोवंश को ट्रैक्टर से उठाकर टनल के पास कचरे की तरह फेंका जा रहा है जो कि अनुचित है व गौशालाओ के प्रावधानों के विपरीत है। इस तरह मृत गोवंश को खुले मे डालने से संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है वायु प्रदूषण भी हो रहा है और पूरे टनल क्षेत्र मे दुर्गंध फैली रहती है। पूर्व मे जिला प्रशासन को इस समस्या के बारे मे अवगत कराया गया पर समस्या जस की तस बनी हुई है। इसको लेकर सम्पर्क पोर्टल पर परिवाद भी दर्ज करवाया गया है।
टनल के पास मृत मवेशी डालने पर वन विभाग जता चुका हैं आपत्ति
राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर स्थित बूंदी टनल के पास वन भूमि पर मृत मवेशियों को डाले जाने को लेकर वन विभाग ने नगर परिषद आयुक्त को पत्र लिख कर आपत्ति जता चुका हैं। ततकालीन उप वन संरक्षक डॉ. टी. मोहनराज नें आपत्ति जताते हुए वनभूमि बफर क्षेत्र मे होने के कारण वन्यजीवो को नुकसान होने की बात कहते हुए टनल के पास मृत जानवरो एवं कूड़ा-कर्कट (कचरा), पॉलिथीन आदि नही डाले जाने हेतु पाबन्दी लगाये जाने की मांग की थी।


पूर्व में भाजपा पदाधिकारी भी सौंप चुके हैं ज्ञापन
वहीं टनल के बाहर, पुराने बाईपास चुंगी नाके के यहां मृत मवेशियों के डाले जाने से आमजन और राहगीरों को हो रही परेशानी को लेकर तत्कालीन भाजपा जिला महामंत्री सुरेश अग्रवाल के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर मृत मवेशियों, कचरे को अन्यत्र डालने की मांग करते हुए आंदोलन की बात कही थी। तब के जिला मंत्री वर्तमान में भाजपा जिलाध्यक्ष हैं और अब भाजपा की सरकार हैं। ऐसे हैं अब देखना हैं कि भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेश अग्रवाल मृत मवेशियों के डाले जाने से हाईवे पर स्थित टनल देखने व घूमने आने वाले पर्यटकों, आमजन और राहगीरों को होने वाली समस्या से कैसे छुटकारा दिलाते हैं।