केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- CAA सिर्फ देश के लाखों लोगों को शरण देने का ही कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह देश में बस रहे शर्णार्थियों को न्याय देने का नाम है। पहले की कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण की नीति के चलते सन 1947 से 2014 तक जो लोग देश की शरण में आए, उनको कभी न्याय नहीं मिल सका।ये पड़ोसी देश में भी प्रताड़ित हुए और यहां भी प्रताड़ित होते रहे। लाखों-करोड़ों लोग अपने देश में ही तीन पीढ़ियों तक न्याय के लिए तरसते रहे। मगर इंडी एलायंस की तुष्टीकरण की नीति ने इनको न्याय नहीं दिया। लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार ने इन्हें न्याय दिया।दरअसल, अमित शाह दो दिन के दौरे पर अहमदाबाद पहुंचे। आज उन्होंने शहर में 1003 करोड़ के विकास कार्यों का शुभारंभ किया है। इसके बाद कार्यक्रम स्थल के बाहर एएमसी सफाईकर्मियों और स्कूली बच्चों से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने सीएए के तहत नागरिकता पाने वाले लोगों से संवाद किया। उन्होंने आगे कहा- मैं आज सीएए के बारे में बताना चाहता हूं कि यह देश में लागू क्यों हुआ। दरअसल, किसी भी देश का विभाजन धर्म के आधार पर नहीं होना चाहिए। मगर भारत का विभाजन धर्म के आधार पर किया गया. जब भारत का विभाजन धर्म के आधार पर किया तो भयानक दंगे हुए। ये स्वाभाविक था। भारत के करोड़ो लोग ये भूल नहीं सकता कि पड़ोसी देशों में रहने वाले हिंदू, जैन सिक्खों को कितनी वेदना झेलनी पड़ी। परिवार के परिवार उजड़ गए। इससे ज्यादा अत्याचार पूरी दुनिया में कहीं नहीं हुआ।