आज भारत स्‍वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर हम आपको ऐसी कार के बारे में जानकारी दे रहे हैं जिसका सफर आजादी के पहले ही शुरू हो गया था और बाद में वह कार लंबे समय तक देश के कई प्रधानमंत्रियों (Prime Ministers Cars of India) के साथ ही अन्‍य मंत्रियों और तमाम अधिकारियों की पसंदीदा कार रही। यह कौन सी गाड़ी थी। आइए जानते हैं।

भारत की राजनीति में नेताओं और अधिकारियों सहित प्रधानमंत्रियों तक ने हिंदुस्‍तान मोटर्स (HM) की कार Ambassador से सफर किया है। आजादी से पहले से ही यह कार अस्तित्व में आई और 58 सालों तक इसने कई VIPs के साथ ही प्रधानमंत्रियों (PM cars of India) को सफर करवाया। किस तरह से यह कार भारत के इतिहास से जुड़ी हुई है। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।

कई प्रधानमंत्रियों ने किया सफर

अंबेसडर कार (HM Ambassador) में भारत के कई प्रधानमंत्रियों ने सफर किया। इस कार में सफर करने वाले प्रधानमंत्रियों की लिस्‍ट में इंदिरा गांधी, पीवी नरसिंह राव, एचडी देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी के नाम शामिल हैं।

इस तरह हुई शुरुआत

भारत में अंबेसडर कार की शुरुआत आजादी से पहले ही हो गई थी। आजादी से पांच साल पहले 1942 में बीएम बिड़ला ने हिंदुस्‍तान मोटर्स की स्‍थापना की थी और गुजरात के ओखा पोर्ट पर इसकी असेंबलिंग होने लगी थी। आजादी मिलने के एक साल बाद 1948 में इसका प्‍लांट गुजरात से बंगाल के उत्‍तर पारा में लगाया गया था

आजादी मिलने के 11 साल बाद हुई लॉन्‍च

भले ही इस कार का सफर आजादी से पहले शुरू हो गया था, लेकिन इसे लॉन्‍च करने में सालों का समय लगा। आजादी मिलने 11 साल बाद अंबेसडर कार को 1958 में लॉन्‍च किया गया था।

ब्रिटिश कार पर आधारित था डिजाइन

अंबेसडर भले ही भारतीय कार थी, लेकिन इसका डिजाइन ब्रिटिश कंपनी Morris Garage (MG) की Morris Oxford Series 3 से प्रेरित था। 1958 में अंबेसडर की Landmaster को पहली बार लॉन्‍च किया गया था। जिसे समय के साथ अपडेट किया गया था।