इस्तीफा दे चुके आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीना ने कहा कि वे मंत्री की हैसियत से नहीं, बल्कि आदत है, इसलिए जनता के दुख-दर्द जानने आया हूं। वे बारिश से जलभराव वाले इलाके के दौरा करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उन्होंने इस्तीफा वापस नहीं लिया है। वे अपनी बात पर अटल हैं। लोगों के मध्य 45 साल से साथ हूं, इसलिए पीड़ा की घड़ी में उनके साथ हूं। उनकी न तो सत्ता से गांठ है न ही संगठन से कोई शिकायत। मुझे से खुद से शिकायत है, कि जिनके लिए 45 साल दिए, उन्होंने मेरा साथ नहीं दिया। डॉ. किरोड़ी ने कहा कि शहरी क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या नालों पर अतिक्रमण और पटाव है। नगर निकायों ने राजनीतिक दबाव में प्राकृतिक बहाव क्षेत्र में पट्टे दे दिए। भूमाफियाओं ने कब्जे कर लिए। इस कारण यह समस्या पैदा हुई है। इसे लेकर सरकार को सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दी जाएगी। मीना ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण आमजन, किसान, पशुपालकों का जो भी नुकसान हुआ है। जिला कलक्टर की रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। किसानों की फसल की गिरदावरी कराकर उनको एसडीआरएफ से मदद की जाएगी।