आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस पूर्णिमा पर गुरु को पूजने का विधान है। इस साल यह 13 जुलाई को है। दरअसल 13 जुलाई को सुबह 4 बजे पूर्णिमा तिथि लग जाएगी। इसलिए उदया तिथि के कारण 13 जुलाई को ही पूर्णिमा का मान रहेगा। पूर्णिमा 14 जुलाई को रात तक रहेगी। इसलिए व्रत 13 जुलाई को रखा जा सकता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन आदिगुरु, महाभारत के रचयिता और चार वेदों के व्याख्याता महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। सभी पुराणों के रचयिता महर्षि वेदव्यास को माना जाता है। गुरु पूर्णिमा पर गुरु को पूजने की परंपरा सदियों पुरानी है। इस दिन जिसे भी आप अपना गुरु मानते हों, उनको पूजा की जाती है। इस दिन पीले फल, मिठाई, पीले कपड़े का दान करना उत्तम रहता है।