चित्तौड़गढ़ 13 अगस्त। गौराजी का निम्बाहेड़ा कपासन में पंचायत भवन के सामने वाले खेतों में फसल मक्का एवं ज्वार में फड़का कीट का प्रकोप आर्थिक हानि स्तर से ऊपर देखने को मिला, सूचना प्राप्त होते ही कृषि विभाग के कार्मिको ने खेतो में पहुंच कर नुकसान का जायजा लिया। मौके पर संयुक्त निदेशक कृषि, सहायक निदेशक कृषि, कृषि अनुसंधान अधिकारी (शष्य), पौध व्याधि विशेषज्ञ, कृषि विज्ञान केन्द्र प्रभारी, कृषि अधिकारी (पौ.सं./सामान्य) ने उपस्थित होकर रात्रि कृषक गोष्ठी आयोजित की गई और गोष्ठी में उपस्थित कृषकों को फडका एवं अन्य कीटो के 'नियंत्रण के प्रभावी उपाय बताये साथ ही बताया कि कृषि विभाग द्वारा कीट नियंत्रण हेतु कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान पर कीटनाशी उपलब्ध कराया जा रहा है। 

कृषक कीटनाशी की पूर्ण लागत देकर कीटनाशी क्रय करे और विभागीय कार्मिकों द्वारा जारी किये गये परमिट के साथ अपने बैंक खाते की पासबुक की फोटोप्रति संलग्न कर संबंधित कृषि पर्यवेक्षकों को जमा करवाये ताकि 50 प्रतिशत अनुदान की राशि सीधे ही कृषक के खाते में जमा होगी।

सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) को निर्देशत किया कि क्षेत्र में कार्यरत कार्मिकों को फसलो में कीटो के प्रकोप एवं उनके नियंत्रण की जानकारी कृषको को देने हेतु पाबन्द करें। फसलो में कीट का प्रकोप देखते ही उसके नियंत्रण के उपाय करे ताकि कीट अन्य खेतो मे न जा पावे। कीटनाशी का स्त्रै मौसम खुला होने पर ही छिड़काव करने की कृषको को सलाह दी जाती है। छिडकाव समान रूप से पूरे खेत में तथा पारी पर उगी घास पर ट्रैक्टर माउण्टेड स्प्रेयर से छिडकाव करे, साथ ही कृषक को सलाह दी जाती है कि 5 से 6 दिन कीटनाशी छिडकाव वाली घास को पशुओं को न खिलावें। संयुक्त निदेशक कृषि ने फसलों में कीट के प्रकोप को देखते ही संबंधित कृषि कार्मिक से सम्पर्क कर 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कीटनाशी क्रय कर कीट नियंत्रण के उपाय करने का कृषको से आहृवान किया।