मोदी सरकार ने इसी साल जनवरी में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 'पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना' की शुरुआती की थी। अब सरकार ने आज सोमवार को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत ‘मॉडल सोलर गांव’ के क्रियान्वयन के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने बयान में कहा कि योजना के कंपोनेंट के रूप में पूरे भारत में हर जिले में मॉडल सौर गांव बनाने पर जोर दिया गया है। इसका मकसद सौर एनर्जी की स्वीकार्यता को बढ़ावा देना और ग्रामीण समुदायों को ऊर्जा जरूरतों में आत्मनिर्भर बनाना है।800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए

मंत्रालय ने कहा कि इसके लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए गइ हैं। इसमें चुने गये प्रत्येक मॉडल सौर गांव को एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। एमएनआरई ने मॉडल सौर गांव के क्रियान्वयन के लिए योजना दिशानिर्देश नौ अगस्त, 2024 को अधिसूचित किये थे। गांवों का चयन एक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के जरिये होगा। इसमें जिला-स्तरीय समिति गांव का चयन करेगी। उसके छह महीने बाद स्थापित समग्र वितरित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के आधार पर गांवों का मूल्यांकन किया जाएगा। दिशानिर्देशों के अनुसार प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के तहत विचार करने के लिए एक गांव का राजस्व गांव होना चाहिए। इसकी आबादी 5,000 (या विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 2,000) से अधिक हो। इस योजना का कार्यान्वयन राज्य/केंद्रशासित प्रदेश नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी जिला स्तरीय समिति की निगरानी में करेगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि चयनित गांव प्रभावी ढंग से सौर ऊर्जा समुदायों में परिवर्तित हो जाएं। ये देशभर के अन्य गांवों के लिए मॉडल के रूप में काम करेंगे।