फारेस्ट विभाग की टीम ने एक दिन में 2 मगरमच्छों का रेस्क्यू किया है, जिन्हें डैम में सुरक्षित रिलीज किया. ये मगरमच्छ आवासीय इलाकों में आ गए थे. इनकी लंबाई 7 से 10 फीट के आसपास थी. मानसून सीजन चल रहा है. कई इलाकों में काफी बारिश भी हो रही है. लेकिन, बारिश की वजह से कई दूसरी चीजें भी हो रही हैं. जिस वजह से लोगों को काफी परेशानी भी होती है. अब एक घटना राजस्थान के कोटा में घटी है. बारिश की वजह से जंगली जीव-जंतु जंगल से निकलकर रिहायशी इलाकों में तो पहुंच रहे हैं. साथ ही नदी-तालाबों में रहने वाले मगरमच्छ भी नदी नालों से निकलकर बस्तियों, कॉलोनियों में पहुंच रहे हैं. कोटा में बारिश के बाद मगरमच्छ निकलने की घटनाएं सामने आई हैं

दीवार के सहारे लेटा था मगरमच्छ

फारेस्टकर्मी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि पहली घटना काला तालाब इलाके की है. मॉर्निंग वॉक के दौरान लोगों को सड़क पर भारी-भरकम मगरमच्छ नजर आया, जिसकी सूचना वन विभाग को दी. सूचना पर मौके पर जाकर देखा तो 7 फीट लंबा मगरमच्छ तालाब की दीवार के सहारे लेटा हुआ था.

15 मिनट में पकड़ा गया

गनीमत रही, सुबह का वक्त होने के कारण सड़क पर ज्यादा लोगों की आवाजाही नहीं थी. करीब 20 मिनट की मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकड़ा गया. दूसरी घटना बालिता रोड इलाके की है. बापू बस्ती इलाके में एक खाली प्लॉट में 10 फीट लंबा मगरमच्छ नजर आया. लोगों की सूचना पर मौके पर गए. मगरमच्छ मकान की दीवार के पास गीली मिट्टी में बैठा हुआ था, जिसे सावधानीपूर्वक 15 मिनट में पकड़ा. दोनों मगरमच्छों को देवली रोड नर्सरी में रिलीज किया. वीरेंद्र ने बताया, बारिश में नहरों में पानी आने से मगरमच्छ नाले में होकर खाली प्लॉट तक पहुंच जाते हैं. प्लॉट में भरा पानी सूखने के बाद मगरमच्छ दिखाई देने लगते हैं. बालिता रोड इलाके में वाला मगरमच्छ चंबल नदी से निकलकर आया था. रेस्क्यू टीम में टीम महावीर प्रसाद, ब्रजराज मालव, लालचंद शर्मा, ब्रजमोहन मेहता शामिल रहे.