उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए राजनीतिक दलों की तैयारियां जारी हैं. भारतीय जनता पार्टी ने जहां स्पेशल 30 की टीम बना दी है तो वहीं बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी एवं कांग्रेस की रणनीतियां भी तैयार हैं. इन सबके बीच यह देखा जा रहा है कि उपचुनाव में बांग्लादेश में हुई हिंसा और तख्तापलट का मुद्दा जमकर उछाला जा रहा है. इसकी शुरूआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की. सीएम की योजना है कि लोकसभा चुनाव 2024 में जो हिन्दू वर्ग जातियों में बंट गया था अब उसे फिर से एक किया जाएगा. इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने अपने भाषणों और बयानों में बांग्लादेश में हुई हिंसा का जिक्र किया. इसके जरिए मुख्यमंत्री हिन्दुत्व का स्पष्ट संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं. मुख्यमंत्री का दावा है कि बांग्लादेश में हुई हिंसा और अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार पर विपक्ष चुप है. सीएम यह संदेश भी देने की कोशिश कर रहे हैं कि वह चुनाव वह हारे या जीतें लेकिन पार्टी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करेगी. जानकारों की मानें तो सीएम उपचुनाव में बांग्लादेश की हिंसा का मुद्दा उठाकर यह संदेश दे रहे हैं कि हिन्दुओं को जातियों में बंटना खतरनाक हो सकता है. इसी वजह से मुख्यमंत्री बांग्लादेश में अत्याचार के शिकार हिन्दुओं में 90 फीसदी दलित समाज का मुद्दा उठा रहे हैं.